हेथू मौजा के खाता 30 की वैसी जमीन बेटों के नाम ली, जिस पर चल रहा था टाइटल सूट और प्रोबेट मुकदमा
दीपक/न्यूज11 भारत
रांची: सेवानिवृत कारा महानिरीक्षक शैलेंद्र भूषण के कृत्यों से रांची जिला प्रशासन सकते में है. एक तो इन्होंने गलत तरीके से जमीन खरीद कर एयरपोर्ट विस्तारीकरण मामले में अपने दो बेटों के नाम से 70 लाख रुपये का मुआवजा ले लिया. अब उस मुआवजे की राशि को वापस नहीं कर रहे है. मुआवजा राशि वापस लेने में जिला प्रशासन को नाकों चने चबाना पड़ रहा है. लोकायुक्त कार्यालय से लेकर कई जगहों पर इन्होंने अपने द्वारा किये गये कृत्य को, जायज ठहराते हुए सरकार के पैसे को वापस नहीं करने की बात कही है. शैलेंद्र भूषण अपनी गलती को छिपाने के लिए जिला प्रशासन को ही दोषी ठहरा रहे हैं. बता दें कि शैलेंद्र भूषण एक प्रमोटी आईएएस बने, अब रिटायर है. वे आईएएस का धौस भी जिला प्रशासन के अफसरों को दिखाते हैं.
न्यूज11 भारत के पास उपलब्ध दस्तावजों के अनुसार शैलेंद्र भूषण ने तुपुदाना अंचल के हेथू मौजा में खाता 30 के प्लाट संख्या 1299 की जमीन खरीदा था. जमीन अपने दो बेटों अजय कुमार और अभय कुमार के नाम से रजिस्ट्री कराया. यह जमीन उस समय ली गयी, जब निचली अदालत में खाता 30 से संबंधित जमीन का टाइटल सूट और प्रोबेट मुकदमा लंबित था. टाइटल सूट और प्रोबेट केस के विचाराधीन रहते हुए अपने पहुंच पैरवी की बदौलत जमीन खरीद लिया. इतना ही नहीं, म्म्यूटेशन भी करा लिया. इन्होंने गलत तरीके से न सिर्फ जमीन खरीदी, बल्कि उसका नामांतरण करा कर जिला भू-अर्जन कार्यालय रांची की तरफ से 70 लाख का मुआवजा ले लिया. मुआवजे की राशि बेटे अभय कुमार के इलाहाबाद बैंक स्थित खाता संख्या 31763594857 और अजय कुमार के भारतीय स्टेट बैंक खाता संख्या 10042821300 पर ली गयी थी.
अगस्त 2011 में खाते पर ट्रांसफर की गयी राशि की निकासी पर लगायी गयी थी रोक
24 अगस्त 2011 को इस खाते पर ट्रांसफर की गयी राशि की निकासी पर रोक भी लगायी गयी थी पर इस आदेश की कोई वैल्यू नहीं दी गयी. बावजूद इसके 60 लाख रुपये निकाल लिये गये. जानकारी के अनुसार राजधानी रांची के कई अंचलों में भूषण ने गलत तरीके से जमीन खरीदी है. अब ये तुपुदाना में रहते हैं, जिस जमीन पर इन्होंने अपना मकान बनवाया है, वह भी विवादित जमीन रही है. तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा के आप्त सचिव रहे संजय बासू से लेकर तत्कालीन भूमि सुधार एवं राजस्व मंत्री मथुरा महतो ने भी इनके द्वारा ली गयी मुआवजे की राशि के बाबत कार्रवाई करने का आदेश दिया था पर आज तक कोई कार्रवाई इन पर नहीं हुई.
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लोकायुक्त कार्यालय में की शिकायत
कारा महानिरीक्षक रहे शैलेंद्र भूषण ने 70 लाख रुपये वापस करने की बजाय जिला प्रशासन के अधिकारियों के नाक पर दम कर रखा है. पहले इन्होंने रांची के तत्कालीन उपायुक्त राय महिमापत रे पर तत्कालीन जिला भू अर्जन पदाधिकारी सीमा सिंह से लेकर नामकुम अंचल के सीओ पर कार्रवाई करने का दबाव बनाया. इतना ही नहीं इन्होंने जिला प्रशासन के कई अधिकारियों के खिलाफ लोकायुक्त कार्यालयमें शिकायत तक कर दी.
शैलेंद्र भूषण का मामला झारखंड हाईकोर्ट तक पहुंचा था
शैलेंद्र भूषण की तरफ से मुआवजा की राशि लेने की कोशिश को लेकर एक मामला झारखंड हाईकोर्ट में भी पहुंचा था. दर्ज पीआइएल में बिरसा मुंडा एयरपोर्ट के वास्तविक रैयतों को ही अधिगृहित भूमि का मुआवजा देने की अपील की गयी थी पर उस समय जिला प्रशासन औऱ राज्य सरकार की तरफ से हाईकोर्ट में यह हलफनामा दिया गया था कि मुआवजे के भुगतान में किसी तरह की गड़बड़ी नहीं की जायेगी. झारखंड सरकार की तरफ से बताया गया था कि जिला प्रशासन को राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की तरफ से 50 करोड़ रुपये सिर्फ 2012-13 में दिये गये थे. झारखंड हाईकोर्ट में दायर याचिका में कहा गया था कि नामकुम अंचल के तत्कालीन सीओ अमित कुमार, भूमि सुधार उप समाहर्ता रंजीत कुमार सिन्हा मुआवजे के भुगतान मामले में हुई गड़बड़ी को लेकर दोषी हैं. इसमें यह भी कहा गया था कि कैसे जमीन ब्रोकर और अन्य की मिली-भगत से फरजी तरीके से मुआवजे का भुगतान भी हो रहा है. बिरसा मुंडा एयरपोर्ट के विस्तारीकरण को लेकर 350 एकड़ ले अधिक जमीन ली गयी थी.