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रांची/डेस्कः बायोम इंस्टीट्यूट की ओर से आज 'ओरिएंटेशन प्रोग्राम 2024' का आयोजन किया गया. जिसमें विभिन्न 23 बैच के 1500 से अधिक विद्यार्थी और अभिभावक शामिल हुए. ओरिएंटेशन प्रोग्राम का संचालन खास तौर पर 11वीं कक्षा में शामिल हुए विद्यार्थियों के लिए संचालित फाउंडेशन बैच, 11वीं कक्षा से 12वीं में दाखिल हुए विद्यार्थियों के फ्रेशर्स बैच और 12वीं पास आउट विद्यार्थियों के लिए संचालित टार्गेट बैच के लिए हुआ. इस कार्यक्रम का उद्देश्य मेडिकल प्रवेश परीक्षा 'नीट यूजी' को अपना लक्ष्य मानते विद्यार्थी के लिए हैं कार्यक्रम में बतौर अतिथि के रूप में संस्थान के मैनेजिंग डायरेक्टर पंकज सिंह, शिक्षक बैंकट और प्रिया मौजूद रहें.
नीट यूजी को लक्ष्य मानते है तो परिश्रम से ना भागे: पंकज सिंह
कार्यक्रम में संस्थान के एमडी पंकज सिंह ने ओरिएंटेशन प्रोग्राम के महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि 10वीं कक्षा के बाद विद्यार्थियों की पहली च्वाइस साइंस स्ट्रीम होती है. विद्यार्थियों को इसमें भी दो विकल्प- पीसीबी और पीसीएम मिलता है. पीसीबी का चुनाव करने वाले विद्यार्थी शुरूआत से ही मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट यूजी' को अपना लक्ष्य मानते है. लेकिन यह परीक्षा बिल्कुल भी आसान नहीं है. 720 अंक की इस परीक्षा में 600 से अधिक अंक लाने का टार्गेट रखना पड़ता है. ऐसे में विद्यार्थियों का लक्ष्य अगर मेडिकल प्रवेश परीक्षा है तो उन्हें शुरूआत से ही उन्हें कठिन परिश्रम करने की आवश्यकता है.
जबकि वैसे विद्यार्थी जो 11वीं में दाखिला ले रहे हैं उन्हें शुरू से इससे संबंधित विषयों के प्रति गंभीर रहना होगा. नीट यूजी की परीक्षा में 50 से 55 फीसदी प्रश्न 11वीं कक्षा से ही पूछे जाते है. ऐसे में अगर नींव मजबूत होगी तभी लक्ष्य को भेदना आसान होगा. आप अपने पढ़ाई के विए समय तय करें. स्कूल और कोचिंग के बाद खुद से घर पर सेल्फ स्टडी भी जरूर करें. इससे शुरुआत से ही आप विषपवार कमजोरियों को चिह्नित कर पाएंगे. तैयारी के दौरान शिक्षक भी आपकी मदद करेंगे, ऐसे में उनसे दूर भागने के बजाय अपनी सभी परेशानियों को उनसे साझा करें.
उन्होंने कहा कि अगर लक्ष्य बड़ा होगा तो सफलता भी जरूर मिलेगी. संस्थान विद्यार्थियों को उनकी तैयारी में पूरी मदद करेगी. इसके लिए आपको बेहतर शैक्षणिक माहौल के साथ विशेषज्ञ शिक्षक, लाइब्रेरी और डाउट क्लास भी उपलब्ध कराए जाएंगे. इसके अलावे वैसे विद्यार्थी जो संस्थान में रहकर पढ़ना चाहते है, उनके लिए आवासीय सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी.