न्यूज11भारत
रांची/डेस्कः राज्य के कई इलाकों में इन दिनों जंगली हाथियों का झुंड खूब उत्पात मचा रहा है. जिससे लोग दहशत में रहने लगे है. जंगल की ओर से हाथियों का झुंड गांवों की ओर रूख करने लगे हैं जिससे गांव के लोग डर से साये में रहने को मजबूर है. अगर वे हाथियों के सामने गलती से भी आ जाए तो उन्हें हाथी अपने चपेट में लेकर उन्हें मौत को घाट उतार दे रहा है. ताजा खबर सरायकेला जिले का है जहां पिछले तीन दिनों से जंगली हाथियों के झुंड ने आतंक मचा रखा है.
किसानों के फसलों को हाथियों ने पहुंचाया क्षति
मामला जिले के चांडिल वन प्रक्षेत्र के कुकडू प्रखंड इलाके का है जहां पिछले तीन दिनों से हाथियों का झुंड किसानों के फसलों (धान व अन्य फसलें) को क्षति पहुंचा रहा है. इधर इस मामले में जिला परिषद उपाध्यक्ष ने दुःख प्रकट करते हुए कहा कि हाथियों के झुंड ने कुकड़ू प्रखण्ड के दर्जनों गांव जेसे लेटेमदा, चोटोलापांग, जरगो, बड़ा लापांग, दारूदा, माझीडीह समेत कई गांव में तीन दिनों उत्पात मचा रखा है. गांव के किसानों के खेतों को भी काफी क्षति पहुंचाया है. लोगों के मुताबिक, रात्रि में हाथी की झुंड जंगल से गांव में प्रवेश करके उत्पात मचाते है. जिसके बाद सुबह होते ही वे सभी सिरुमओर तुलिनडीह जंगल में डेरा डालते है.
शाम होते ही घरों में बंद हो जाते हैं ग्रामीण
ग्रामीण और प्रतिनिधि ने इसकी सूचना वन विभाग के पदाधिकारी, कर्मचारी को दे दी है बावजूद वे इस क्षेत्र में स्थिति का जायजा लेने तक नहीं पहुंच रहे है. वहीं डर के साये में प्रखंड के गांवों में रहने वाले ग्रामीण अपना जीवन जीने को मजबूर है. रात होते ही कब हाथियों का झुंड गांव में प्रवेश करके घर के आंगन में मौत बनकर खड़े हो जाए इस डर से सभी ग्रामीण शाम होते ही अपने-अपने घरों में बंद हो जाते है.
चांडिल वन क्षेत्र रेंजर को दिया गया आदेश
बात करें सरकार की तो एक ओर केंद्र सरकार तो वहीं दूसरी ओर राज्य सरकार प्रतिवर्ष वन एंव पर्यावरण विभाग को जंगल और जंगली जीव जंतु की सुरक्षा को लेकर करोड़ों रुपया मुहैया करती है लेकिन बावजूद वन विभाग कुंभकरण की नींद सोए हुए नजर आ रही हैं. हालांकि चांडिल वन क्षेत्र पदाधिकारी को दूरभाष के माध्यम चांडिल वन प्रक्षेत्र कुकडू प्रखंड क्षेत्र में लगातार तीन दिनों से जंगली हाथियों के झुंड द्वारा किसानों के फसलों को क्षति व जान माल की सुरक्षा को देखते हुए आदेश दिया गया है. कि तत्काल हाथियों को भगाने साथ ही ग्रामीणों को लाइट और पटाखे उपलब्ध कराने के साथ-साथ उनके फसलों की क्षति पूर्ति हेतु फसलों का आवेदन विभागीय स्तर से यथाशीघ्र भरा जाएं.