न्यूज 11 भारत
रांची: मनरेगा घोटाला और अवैध खनन मामले में निलंबित आइएएस पूजा सिंघल के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने के लिए सरकार ने विधि विभाग से राय मांगी है. राज्य सरकार ने प्रवर्तन निदेशालय (इडी) की तरफ से भेजे गये पत्र के बाद यह कदम उठाया है. निलंबित आइएएस अधिकारी पूजा सिंघल की मुश्किलें इससे और बढ़ सकती हैं.
इडी ने मनरेगा घोटाले की जांच के बाद इससे संबंधित पहली रिपोर्ट नवंबर 2022 में राज्य सरकार को भेजी थी. ईडी की इसी रिपोर्ट के आधार पर आइएएस पूजा सिंघल, उनके चार्टर्ड एकाउंटेंट रहे सुमन कुमार और साहेबगंज जिला खनन पदाधिकारी विभूति कुमार, पाकुड़ डीएमओ प्रदीप कुमार, दुमका के डीएमओ कृष्ण कुमार किस्कू, पश्चिमी सिंहभूम के डीएमओ निशांत अभिषेक, खूंटी के डीएमओ नदीम शाफी औप रामगढ़ के डीएमओ नीतेश कुमार गुप्ता से संबंधित ब्योरा भी राज्य सरकार को भेजा था.
इन जानकारियों के आधार पर मामले के आरोपियों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर प्राथमिकी दर्ज करनी है. प्रवर्तन निदेशालय ने इस मामले की जांच करने के बाद प्रथम चरण में आरोप पत्र दायर किया है. इस मामले में जांच से मिले फैक्ट्स और आरोप पत्र की कॉपी राज्य सरकार को भेज दी थी. निलंबित आइएएस अधिकारी पूजा सिंघल जमानत पर हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने पूजा सिंघल को एक माह की अंतरिम जमानत दी है. उन्हें अपनी बेटी के साथ नोएडा में रहने की इजाजत दी गयी है. उन्हें रांची नहीं आने का आदेश दिया गया है. वह तब तक रांची से दूर रहेगी जबतक इस मामले की जांच जारी रहेगी. मई 2022 से आठ महीने तक पूजा सिंघल इडी की कार्रवाई को लेकर हिरासत में रही थीं.