न्यूज11 भारत
रांची: पिछले एक साल से अपनी मांगों को लेकर पोषण सखी महिलाएं सरकार से गुहार लगा रहीं है. परंतु इनकी बातों को गंभीरता से न लिए जाने के कारण अब इनका धैर्य जवाब देने लगा है. अपनी मांगों को लेकर अब ये पोषण सखियां उग्र आंदोलन के मूड में आ गयी हैं. इसी को लेकर झारखंड राज्य एकृत पोषण सखी संघ के लोग विधानसभा सत्र के दौरान अपनी मांगों को लेकर उग्र हो गए.
बता दें पोषण सखी संग की महिलाएं विधानसभा घेराव करने को लेकर सड़क पर उतर गए और देखते ही देखते भारी संख्या में पुलिस बल पोषण सखी को रोकने के लिए पहुंचे. मालूम हो कि महिलाएं पिछले करीब 1 सालों से अपनी मांगों को लेकर आये दिन धरना देती आ रही है और अब जब विधानसभा का सत्र शुरू हुआ है तभी से ही पोषण सखी महिलाएं विधानसभा के धरना स्थल पर अपनी मांगों को लेकर बैठी हुई है. बता दें उनका कहना है कि हमें अचानक बिना बताए नौकरी से हटा दिया गया.
उसी को लेकर 1 सालों से निरस्त पेपर वापस लेने को सरकार से गुहार लगा रहे हैं पर सरकार हमें हमेशा से अनदेखा करती आ रही है. और तो और जब हम अपनी बातें अभी कुछ ही दिनों पहले रखने के लिए मुख्यमंत्री के पास पहुंचे थे तो उन्होंने साफ शब्दों में कहा था कि हमें तो पता ही नहीं कि आप लोग धरने पर भी बैठे हैं. लेकिन फिर अपनी बातों को बोलते हुए कहते है कि आपकी निरस्त पेपर वापस नहीं ली जा सकती है हम इस पर कोई भी बात नहीं करना चाहते हैं.
आगे अगर संभव होगा तो कहीं और विभाग में हम देख सकते हैं. आज हम पोषण सखी महिलाएं मुख्यमंत्री जी के इस रवैया से बहुत ही आहत है. मुख्यमंत्री जी को हम 1 सालों से अपनी मांग को लेकर गुहार लगाते हैं और वह अब बोलते हैं कि हमें आपके बारे पता ही नहीं इससे बड़ी दुख की बात हमारे लिए कुछ भी नहीं हो सकती. इसलिए हम आज 20वें दिन विधानसभा घेरने के लिए सड़क पर उतरें है.
लेकिन प्रशासन से बातचीत के दौरान हम अभी यहां से आगे नहीं बढ़ रहे हैं लेकिन अगर हमारी बातों को इस सदन में पारित नहीं किया गया तो हम उग्र आंदोलन करने के लिए तैयार है. चाहे हमारे इस पर हमारी जाने क्यों नहीं चली जाए. हम यहां बीमार पड़ रहे यहां तक हमारे बच्चे भूखे रह कर धरने पर बैठे हे लेकिन सरकार की कान में जू तक नहीं रेंग रही. सरकार को गद्दी से हट जाना चाहिए क्योंकि उनसे कुछ नहीं हो पाएगा.