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सिमडेगा/डेस्क: स्वास्थ्य सेवाओं में नंबर 01 होनें का दम भरने वाला स्वास्थ्य विभाग का यह दम कितना खोखला है यह देखना हो तो आप सिमडेगा सदर अस्पताल चले आइए. जहां पूरे जिला में एनेस्थीसिया डॉक्टर नहीं होने की बात कहकर ऑपरेशन की सुविधा तक नहीं दी जा रही है. ऐसा नहीं कि यहां एनेस्थीसिया के डॉक्टर नहीं हैं. जिला में एनेस्थीसिया के एक्सपर्ट डॉक्टर हैं लेकिन उनकी ड्यूटी दूसरी जगह लगा दी गई है. जिस कारण यहां ऑपरेशन नहीं हो पाता और मरीज को कहीं अन्य रेफर कर दिया जाता है. अगर मरीज बाहर जाने में सक्षम हैं तो बाहर जाते हैं, नहीं तो ऑपरेशन के अभाव में वे अपना दम तक तोड़ देते हैं.
पिछले 1 वर्षों से किसी मरीज या प्रसूता का ऑपरेशन नहीं
सिमडेगा सदर अस्पताल की बड़ी-बड़ी बिल्डिंग और यहां मौजूद संसाधन देखकर आपको लगेगा कि हम किसी बड़े निजी अस्पताल में हैं. लेकिन यह संसाधन महज एक हाथी दांत है. जिसका संचालन के करने वाला कोई नहीं है. सदर अस्पताल में एनेस्थीसिया डॉक्टर नहीं होने की बात बताकर पिछले करीब 1 वर्षों से यहां किसी मरीज या प्रसूता का ऑपरेशन नहीं किया जा रहा है. जिस कारण यहां अभाव विहीन प्रसूता सहित ऑपरेशन से संबंधित गरीब मरीज अपना दम तोड़ रहे हैं.
ऑपरेशन संबंधित किसी भी तरह का सहयोग नहीं- सिविल सर्जन
ऐसा नहीं कि सिमडेगा जिले में एनेस्थीसिया एक्सपर्ट डॉक्टर की पदस्थापना नहीं की गई है. यहां डॉ पदम शाह एनेस्थीसिया की अच्छी जानकारी रखते हैं. लेकिन उन्हें ट्यूबरक्लोसिस विभाग में प्रतिनियुक्ति कर दी गई है. और उनसे ऑपरेशन संबंधित किसी भी तरह का सहयोग नहीं लिया जा रहा है. यह हम नहीं खुद यहां के सिविल सर्जन डॉक्टर नवल कुमार ने बताया है. सिविल सर्जन की माने तो डॉक्टर पदम साह की प्रतिनियुक्ति जिले को टीबी बीमारी से मुक्त करने के लिए की गई है. सिविल सर्जन ने कहा की ऊपर से आदेश है कि डॉक्टर पदम साह से ट्यूबरक्लोसिस के अतिरिक्त अन्य कोई भी कार्य न लिए जाएं.
किसी भी कीमत पर ऑपरेशन रुकना नहीं चाहिए- विधायक
अब ऑपरेशन के अभाव में अगर मरीज की मौत हो जाती है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा वह मरीज जो बहुत विश्वास कर सिमडेगा सदर अस्पताल पहुंचा या फिर वह स्वास्थ्य महकमा जो नंबर वन स्वास्थ सुविधा देने का दम भरता है. खैर...इन सभी चीजों की जानकारी कोलेबिरा विधायक नमन विक्सल कोंगाड़ी को हुई तो वे शुक्रवार को सारे मामलों की जानकारी लेने के लिए सिविल सर्जन के कार्यालय पहुंचे. उन्होंने भी यहां ऑपरेशन नहीं होने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि किसी भी कीमत पर यहां ऑपरेशन नहीं रुकना चाहिए. उन्होंने सिविल सर्जन को मिला-जुलाकर काम करने के लिए कहा. उन्होंने कहा कि वे सरकार से इस संबंध में बात करेंगे ताकि यहां की स्वास्थ्य सुविधा बढ़ाई जा सकें.
सारी व्यवस्था होने के बाद भी ऑपरेशन नहीं होना निश्चित रूप से सिमडेगा के लिए काफी दुर्भाग्यपूर्ण है. हालांकि कोलेबिरा विधायक के द्वारा एक पहल करने की कोशिश की गई और स्वास्थ्य विभाग को यहां एक निर्देश दिया गया है कि मिला-जुलाकर काम करें और ऑपरेशन किसी भी सूरत में नहीं रोकें. अब आगे देखना दिलचस्प होगा कि इसके बाद ही यहां का स्वास्थ्य विभाग नींद से जागता है या नहीं. और यहां जो प्रसूता और ऑपरेशन से वंचित मरीज हैं उन्हें यहां ऑपरेशन की सुविधा मिलती है या नहीं. या फिर यहां का सदर अस्पताल महज एक रेफरल अस्पताल बनकर रह जाएगा.