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रांची: सेना की जमीन के वास्तविक मालिक जयंत कर्नाड ने बुधवार (10 मई) को ईडी कार्यालय पहुंचे और बयान दर्ज किराया. वहीं, जमीन की खरीद के फर्जी मालिक प्रदीप बागची से जमीन खरीदने वाले जगतबंधु टी एस्टेट के निदेशक दिलीप घोष ईडी के समक्ष उपस्थित नहीं हुए. ईडी ने जयंत कर्नाड से पूछा कि बिना जमीन पर कब्जे के उन्होंने जमीन की रजिस्ट्री 13 रैयतों को कैसे कर दी. जयंत कर्नाड ने बताया कि उनके पूर्वजों की खतियानी जमीन को सेना ने किराए पर लिया था. हाईकोर्ट ने सेना को जमीन से कब्जा हटाने का आदेश दिया था, जिसके बाद उन्होंने 13 लोगों को जमीन की रजिस्ट्री की थी. ईडी ने जयंत कर्नाड से संबंधित सारे दस्तावेजों की भी मांग की, जिसके बाद जयंत ने सारे दस्तावेज ईडी को सौंप दिए. अब ईडी अपने स्तर से सभी कागजातों की जांच कराएगी. जयंत कर्नाड ने जिन 13 लोगों को जमीन की रजिस्ट्री की थी, उन सभी का बयान भी गुरुवार से ईडी दर्ज करेगी.
जयंत कर्नाड के पूर्वजों ने ही लीज पर सेना को जमीन दी थी
बता दें, सेना की जिस जमीन को तत्कालीन रांची डीसी छवि रंजन, अमित अग्रवाल, प्रेम प्रकाश और अफसर अली जैसे लोगों ने फर्जी कागजातों के आधार पर बेचा था, उसके वास्तविक मालिक जयंत हैं. जयंत के पूर्वजों ने ही लीज पर सेना को जमीन दी थी. इसके एवज में उन्हें जमीन का किराया मिलता था.
पूर्व कमिश्नर नितिन मदन कुलकर्णी की रिपोर्ट के अनुसार, रांची में बरियातू के सेना की 4.55 एकड़ की जमीन के खतियानी रैयत प्रमोद नाथ दास गुप्ता की इकलौती बेटी सरस्वती दास गुप्ता थीं. उनके पति मंजेश्वर लक्ष्मण राव थे सरस्वती दास और मंजेश्वर लक्ष्मण के दो संतान बीएम मुकंद राव और मालती कर्नाड थे. BM मुकुंद राव की कोई संतान नहीं हुई जबकि मालती का एक बेटा जयंत कर्नाड है मालती की मृत्यु के बाद जयंत कर्नाड ही जमीन के असली वारिस हैं.