न्यूज11 भारत
रांची: भारत पाकिस्तान के बीच बहने वाली सिंधु नदी को लेकर भारत ने 1960 के सिंधु जल समझौता में संशोधन के लिए पड़ोसी देश पाकिस्तान को नोटिस जारी किया है. बता दें भारत और पाकिस्तान ने साल 19 सितंबर 1960 को सिंधु जल समझौते पर हस्ताक्षर किए थे. जिसके अनुसार, सतलज, व्यास और रावी नदी का पानी भारत के हिस्से में आता है और वहीं सिंधु, झेलम, चेनाब का पानी पाकिस्तान के हिस्से में आता है.
इस संधि में विश्व बैंक भी एक सिग्नेटरी के रूप में है. इस संधि के तहत दोनों देशों के जल आयुक्तों को साल में दो बार मिलना होता है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कि पाकिस्तान ने सिंधु जल समझौते के आर्टिकल IX का उल्लंघन किया है. जिसे लेकर भारत ने इस मामले को एक विशेषज्ञ के पास भेजने के लिए अलग से अनुरोध किया है.
सूत्रों ने बताया कि भारत ने इस मसले पर बार-बार मध्यस्थता का रास्ता खोजा लेकिन पाकिस्तान ने इस मुद्दे पर चर्चा करने से साफ इन्कार कर दिया. पाकिस्तान ने 2017 से लेकर 2022 के बीच स्थाई सिंधु आयोग की 5 बैठकों में हिस्सा लिया लेकिन इस मामले पर बात नहीं की. इस वजह से मजबूर होकर भारत ने पाकिस्तान को नोटिस थमाया है.
दरअसल 2015 में सिंधु जल समझौते को लेकर असली विवाद शुरू हुआ था. पाकिस्तान ने भारत की किशनगंगा और रातले जलविद्युत परियोजनों पर अपनी आपत्ति जताई थी. इसके लिए उसने एक तटस्थ विशेषज्ञ की नियुक्ति के लिए अनुरोध किया था. इसके बाद अचानक 2016 में पाकिस्तान ने अनुरोध को वापस ले लिया और प्रस्तावित किया कि एक मध्यस्थ्ता अदालत उसकी आपत्तियों पर फैसला सुनाए. पाकिस्तान की यह कार्रवाई सिंधु जल समझौते के अनुच्छेद IX का उल्लंघन है. जिसे लेकर भारत ने पाक को नोटिस थमाया है.