न्यूज11 भारत
रांची: नक्सलियों का गढ़ माने जाने वाले बूढ़ा पहाड़ में आज झारखंड के सीएम योजनाओं की सौगात लेकर पहुंचे. गढ़वा का ये क्षेत्र आज से नहीं बल्कि झारखंड निर्माण के पहले से ही अति उपेक्षित रहा था. जिस कारण यहां नक्सलियों ने अपने पैर मजबूत कर लिए थे. लंबे समय से नक्सलियों के प्रभाव में रहने के कारण यहां की जनता समाज की मुख्य धारा से कटी हुई थी.
लेकिन अब उपेक्षित गढ़वा स्थित बूढ़ा पहाड़ क्षेत्र में निवास करने वाले ग्रामीणों के दिन अब बहुरेंगे. इसी बाबत पहले चरण में मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन खुद बूढ़ा पहाड़ 5.2 करोड़ रुपये की विकास योजनाओं को लेकर ग्रामीणों के बीच पहुंचे. साथ ही 100 करोड़ की लागत से बूढ़ा पहाड़ क्षेत्र के समेकित विकास के लिए विकास परियोजना (बीपीडीपी) का शुभारंभ मुख्यमंत्री की ओर से किया गया. मालूम हो कि बूढ़ा पहाड़ लंबे समय से नक्सल प्रभावित क्षेत्र रहा था.
इस दौरे में सीएम के साथ मंत्री मिथिलेश ठाकुर, मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, डीजीपी नीरज सिन्हा और सीआरपीएफ के आईजी भी मौजूद थे. बता दें झारखंड पुलिस और केंद्रीय बलों के सालों से निरंतर प्रयास के बाद बूढ़ा पहाड़ इलाके को नक्सलियो से मुक्त किया गया है. इस दौरे के साथ् ही राज्य सरकार की ओर से ग्रामीणों को प्रमुख कल्याणकारी योजनाओं का लाभ देने की प्रक्रिया शुरू की गई, जिससे ग्रामीण अबतक वंचित थे. बता दें अबतक करीब 6000 से अधिक ग्रामीणों को विभिन्न योजनाओं का लाभ दिया जा चुका है.
सौर ऊर्जा से जगमगाएगा बूढ़ा पहाड़
सीएम हेमंत सोरेन बूढ़ा पहाड़ क्षेत्र की मदगड़ी पुलिस पिकेट के पास आरसीसी कलभर्ट निर्माण, बूढ़ा पहाड़ क्षेत्र के बूढ़ा ग्राम में 25 केवी सौर विद्युतीकरण की योजना, बिजका पुलिस पिकेट के पास कलभर्ट निर्माण, सोलर आधारित पेयजलापूर्ति योजना और स्वास्थ्य उपकेंद्र का हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में अपग्रेडेशन योजना की शुरुआत करेंगे. इससे इस क्षेत्र के विकास की गती में तेजी.
बूढ़ा पहाड़ विकास परियोजना (बीपीडीपी) का शुभारंभ 100 करोड़ की लागत से किया जा रहा है. इस योजना के अंतर्गत गढ़वा जिले के टेहरी पंचायत के 11 गांवों तथा लातेहार जिले के अक्सी पंचायत के 11 गांव का संपूर्ण विकास किया जाएगा. बता दें इस अनुसूचित जनजाति बाहुल्य गांवों में कुल जनसंख्या 11,890 है. जिनमें 5869 महिला और 6021 पुरूष हैं.
बूढ़ा पहाड़ डेवलपमेंट प्रोजेक्ट के अंतर्गत इन सभी परिवारों की बुनियादी आवश्यकताओं आवास, राशन, पेंशन, स्वास्थ्य, शिक्षा, शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के साथ-साथ उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की कार्रवाई की जाएगी. इसके अतिरिक्त इस योजना के तहत इन सभी गाँवों में आधारभूत संरचना सड़क, पुल-पुलिया, विद्यालय, भवन, आंगनबाड़ी केन्द्र, स्वास्थ्य उपकेन्द्र और सिंचाई की सुविधा एवं खेल के मैदान विकसित किए जाएंगे. बीपीडीपी के प्रथम चरण के अंतर्गत कुल 5 करोड़ की लागत से योजनाओं का शिलान्यास और परिसंपति वितरण किया जा रहा है.