झारखंडPosted at: अप्रैल 18, 2022 राज्य में फिर कोयला संकट, ठप हो सकता है बिजली उत्पादन
टीवीएनएल में दो व डीवीसी के कोडरमा, मैथन और चंद्रपुरा थर्मल पावर स्टेशन में फिलहाल 20-20 दिनों के लिए कोयले का स्टॉक है

न्यूज11 भारत
एक बार फिर से राज्य में कोयला संकट उत्पन्न हो गया है. इसके कारण राज्य के पावर प्लांटों के पास कोयले का स्टॉक खत्म होता जा रहा है. अगर यही स्थिति रही तो पावर प्लांटों से बिजली उत्पादन ठप हो सकता है. तेनुघाट थर्मल पावर स्टेशन के बाद अब महज दो से ढाई दिन के कोयले का स्टॉक बचा है. इस संबंध में टीवीएनएल के एमडी अनिल शर्मा ने बताया कि प्रतिदिन प्लांट को चलाने के लिए दो रेक कोयले की जरूरत है. मगर महीने में कभी भी पूरा दो रेक नहीं मिलता है. तीन रेक मिलेगा तो भी दो रेक का इस्तेमाल हो पाएगा और एक रेक स्टॉक रहेगा. वे सीसीएल से बात कर रहे हैं कि प्लांट को प्रतिदिन तीन रेक कोयले की आपूर्ति करें. अगर कोयले की आपूर्ति नियमित नहीं हो पायी तो उत्पादन बंद करना पड़ सकता है. अभी गर्मी को देखते हुए प्लांट के दोनों यूनिट चलाया जा रहा है. दोनों यूनिट से प्रतिदिन 330 मेगावाट तक बिजली उत्पादन हो रहा है. यही स्थिति रही तो कम से कम एक यूनिट तो बंद करना ही पड़ेगा.
डीवीसी, मैथन और चंद्रपूरा पावर स्टेशन में भी बचा है 20 दिन का कोयला
राज्य के अन्य बिजली प्लांट जैसे डीवीसी का कोडरमा, मैथन, चंद्रपूरा थर्मल पावर स्टेशन में फिलहाल 20-20 दिनों का कोयला बचा है. केंद्रीय विद्युत प्राधिकार के गाइडलाइन के तहत पावर प्लांटों को कम से कम 20 दिनों का कोयला स्टॉक होना चाहिए. ताकि विपरित परिस्थितियों में उत्पादन ठप न हो.
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