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रांची/डेस्कः पिछले कई महीनों से देश का पूर्वी राज्य मणिपुर आग से सुलग रहा है. राज्य में दंगे थमने का नाम नहीं ले रहा है. बता दें, राज्य के दो प्रमुख जनजाति मैतेय और कुकी एक-दूसरे के आमने सामने है. राज्य में हिंसा के शुरू होते ही इंटरनेट सेवा ठप कर दी गई थी लेकिन जब इंटरनेट की सेवा बहाल की गई तो राज्य से हिंसा के कई वीडियो और फोटो सामने आने लगी है. हाल ही में एक वीडियो ने देशभर को हिलाकर रख दिया है जिसमें दो महिलाओं को लोगों द्वारा नग्न अवस्था में बीच सड़क पर घुमाते हुए देखा जा रहा है. हालांकि मामले में कार्रवाई करते हुए पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है. इधर इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए केंद्र सरकार को इस मामले में कार्रवाई करने का आदेश दिया है. साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा कि मामले में अगर केंद्र सरकार कुछ कार्रवाई नहीं करती है तो कोर्ट इसमें दखल देगा.
इधर, मणिपुर में लगातार हो रहे हिंसा और महिलाओं के वायरल हुए वीडियो के मद्देनजर सूबे के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखा है. जिसमें सीएम ने लिखा है कि मणिपुर कुछ निहित स्वार्थ के कारण जल रहा है. उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि मणिपुर में जारी हिंसा पर मैं गहरी पीड़ा और भारी मन के साथ आपको लिखने को मजबूर हूं. मैं आपसे अपील करता हूं कि मणिपुर में शांति स्थापित हो इसे लेकर कदम उठाएं. सीएम ने राष्ट्रपति से अपील करते हुए हिंसा की आग में जल रहे मणिपुर की स्थिति से न्याय और शांति-सद्भाव सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने की अपील की है. सीएम ने कहा कि अपने साथी आदिवासी भाईयों-बहनों के साथ इतना भयावाह और बर्बर व्यवहार नहीं कर सकते है हमें ऐसा नहीं होने देना चाहिए. सीएम ने कहा झारखंड के मुख्यमंत्री और देश के एक चिंतित नागरिक के रुप में मैं मणिपुर में बढ़ती स्थिति से बहुत व्यथित और चिंतित हूं, जिसके परिणामस्वरूप पहले ही सैकड़ों निर्दोष लोगों की जान चली गई है. संपत्ति और सार्वजनिक बुनियादी ढांचे का विनाश, अकथनीय यातना और महिलाओं का यौन शोषण, विस्थापन और प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले कई जातीय समूहों के बीच असुरक्षा की गंभीर भावना पैदा हो गई है.
अपने ही लोगों की रक्षा करने में राज्य सरकार विफल
राष्ट्रपति को लिखे अपने पत्र में सीएम ने पत्र में आगे लिखा है कि मणिपुर में घटी घटना का वायरल वीडियो ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है वहीं जिस प्रकार से यह वीडियो सोशल मीडिया में सामने आया है. उससे यह लगता है कि हमारे संविधान द्वारा दी गयी मानव जीवन और सम्मान के आंतरिक सिद्धांत पूरी तरह से टूटते हुए दिखाई दे रही हैं सीएम ने लिखा है कि एक समाज को कभी भी उस बिंदु तक नहीं पहुंचना चाहिए जहां लोगों को उस तरह की शारीरिक, भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक क्रूरता का सामना करना पड़े. जैसा कि हम सभी ने मणिपुर में देखा है. पिछले 3 मई के बाद से, दुनिया का सबसे विविधतापूर्ण लोकतंत्र होने के बावजूद भारत ने मणिपुर में शांति, एकता, न्याय और लोकतांत्रिक शासन की अद्वितीय समाप्ति देखी है. यह जानकर काफी हैरानी हुई कि राज्य सरकार अपने ही लोगों की रक्षा करने और हिंसा और अशांति को कम करने में विफल रही है.
बच्चों सहित 40,000 से अधिक लोग हुए विस्थापित
अपने पत्र में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने लिखा है कि मणिपुर दो महीने से अधिक समय से जल रहा है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मणिपुर में बच्चों के साथ करीब 40,000 से अधिक लोग विस्थापित हो गए हैं और अस्थायी शिविरों में शरण लिए हुए है. हम हर दिन और रात सार्वजनिक रूप से महिलाओं को नग्न घुमाने और बलात्कार करने वाले कई दिल दहला देने जैसे दृश्यों को देखते हैं. ऐसा प्रतीत होता है जैसे देश का कानून व्यवस्था पूरी तरह से टूट गया है. देश में विविधता के बीच एकता में निहित, और ऐसी शत्रुता के बीच शांति बहाल और शांति के माहौल को बढ़ावा देने में मदद करने के लिए मिलकर काम करना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है.
मणिपुर ने देश को दिए कई बेहतरीन खिलाड़ी
अपने पत्र में जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मणिपुर जिस तरह से आज जातीय हिंसा की चपेट में है. इससे हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि इसी राज्य ने देश को कई बेहतरीन खिलाड़ी दिए हैं. इसी राज्य के खिलाड़ियों ने देश को कई अंतरराष्ट्रीय सम्मान और ओलंपिक पदक दिलाए हैं. जिनमें कुंजुरानी देवी, थोइबा सिंह, रेनेडी सिंह, डिंग्को सिंह, मीराबाई चानू, सरिता देवी और मैरी कॉम शामिल हैं. उनमें से कुछ लगातार केंद्र सरकार से विवादित क्षेत्रों में शांति बहाल करने में मदद करने की अपील भी कर रहे हैं. हालांकि, हमने केंद्र सरकार द्वारा इस मुद्दे को दरकिनार करने, मीडिया और लोगों की आवाज को दबाने और सच्चाई को देश के बाकी हिस्सों में प्रसारित होने से रोकने की पूरी कोशिश करते देखा है.
आशा और प्रेरणा के अंतिम स्रोत के रुप में आपको देखते है
भारत के राष्ट्रपति के रुप में न्याय करूणा के सिद्धांतो को बनाए रखने के प्रति आपकी दृढ़ प्रतिबद्धता हमेशा हम सभी के लिए मार्गदर्शक रहा है. मणिपुर और भारत के सामने संकट की इस सबसे काली घड़ी में हम आपको आशा और प्रेरणा के अंतिम स्रोत के रुप में देखते है जो इस कठिन समय में मणिपुर के लोगों और भारत के सभी नागरिकों को रोशनी दिखा सकें. सीएम ने आगे पत्र में लिखा है कि मैं आपसे आगे रास्ता खोजने, न्याय सुनिश्चित करने और मणिपुर की शांति और सद्भाव सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने की अपील करता हूं.