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रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में 44 नए प्रस्तावों को मंजूरी मिली. वहीं इस बैठक में सरकार ने रांची में 244 नयी सिटी बसें चलाने के लिए 605.42 करोड़ रुपये की योजना को प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की. बता दें इस प्रस्तावित राशि से कुल 244 बसों की खरीद की जायेगी. इन नयी बसों में 24 इलेक्ट्रॅानिक बसें भी शामिल हैं.
वहीं झारखंड सड़क निमार्ण को लेकर कैबिनेट ने रांची में निर्माणाधीन ट्रांसपोर्ट नगर के फेज-2 निर्माण के लिए 57.82 करोड़ रुपये की योजना को सहमति प्रदान की.इसके अलावा दुर्गा सोरेन चौक-रामपुर-रिंग रोड में 8.8 किमी सड़क को फोनलेन बनाने की योजना को भी मंजूरी दी. इस बैठक में इस बात पर भी सहमती बनी कि राज्य भर में बननेवाली बहुमंजिली इमारतों में ‘कॉमन टेलीकॉम इंफ्रास्ट्रक्चर’ का निर्माण अनिवार्य किया जाए.कैबिनेट ने इसके लिए ‘झारखंड बिल्डिंग बाइलॉज-2016’ में आवश्यक संशोधन को मंजूरी दी गयी.
इसके अजावा सरकार ने फैसला लिया कि अब राज्य में बननेवाली बहुमंजिली इमारतों में विद्युत सेवाओं, जलापूर्ति, अग्नि सुरक्षा जैसी अनिवार्य आवश्यकताओं की तर्ज पर ‘डिजिटल कनेक्टिविटी इंफ्रास्ट्रक्चर’ का निर्माण भी जरूरी होगा. वहीं महत्वपूण फैसला लेते हुए निर्णय लिया गया कि रियल एस्टेट प्रोजेक्ट या अपार्टमेंट में किसी एक सेवा प्रदाता का एकाधिकार नहीं होगा.
वहीं नियोतन को लेकर कैबिनेट ने फैसला किया कि झारखंड के शिक्षण संस्थाओं से ही ‘10वीं व 12वीं पास करने की अनिवार्यता’ और ‘स्थानीय रीति-रिवाज व परंपरा का ज्ञान होने की अनिवार्यता’ समाप्त करने के निर्णय के अनुरूप नियमावलियों में संशोधन किया जाय. वहीं इस बैठक में कैबिनेट ने राज्य भर में 236 मोबाइल वेटनरी यूनिट के संचालन के लिए पांच वर्षों में 232 करोड़ रुपये व्यय करने की स्वीकृति दी.
बता दें मोबाइल वेटनरी यूनिट के संचालन पर हर वर्ष 46.4 करोड़ रुपये का खर्च आयेगा. वहीं इस योजना के तहत ग्रामीण इलाकों में डोर स्टेप पर पशु चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करायी जानी है. इसके बाद कैबिनेट ने वर्षा मापक यंत्र लगाने के लिए 47.9 करोड़ रुपये की योजना पर भी सहमति दी.
इस कैबिनेट द्वारा प्रस्तावित राशि से राज्य के 263 प्रखंडों के 1653 पंचायतों में वर्षा मापक यंत्र लगाये जायेंगे. वहीं इस बैठक में वित्तीय वर्ष 2018-19 व 2019-20 में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत राज्यांश व किसानों के हिस्से की राशि का भुगतान चालू वित्तीय वर्ष में करने के लिए 362.05 करोड़ रुपये की अनुमति दी.