न्यूज 11, भारत
रांचीः मलेशिया में दो महीने से फंसे झारखंड के प्रवासी मजदूरों ने भारतीय दूतावास से सोशल मीडिया में रविवार को चौथा वीडियो जारी कर बकाये का भुगतान कर वतन वापसी की गुहार लगायी है. मलेशिया में फंसे प्रवासी मजदूरों का वीडियो वायरल होने के बाद मजदूरों को राहत मिलनी शुरू हो गयी थी और पिछले शुक्रवार को सभी मजदूर मलेशिया स्थित भारतीय दूतावास पहुंचे. मजदूरों का कहना है कि तीन साल पहले एजेंट के जरिए वे मलयेशिया पहुंचे थे. मलयेशिया में वे तीन साल के एग्रीमेंट पर लीड मास्टर इंजीनियरिंग एंड कंस्ट्रक्शन एसडीएनबीएचडी कंपनी में मजदूरी कर रहे थे. उनके तीन महीने की मजदूरी कंपनी ने नहीं दिया है.
दलालों के चक्कर झारखंड के युवा विदेश में फंस जाते हैं
सरकार तक बात पहुंचाने वाले सिकंदर अली ने कहा कि यह पहला मौका नहीं है कि जब दलालों के चक्कर में फंस कर झारखंड के युवा विदेश में फंस जाते हैं. हाल ही में केंद्र सरकार की पहल पर अफ्रीकी देश माली से झारखंड के हजारीबाग व गिरिडीह जिले के 33 प्रवासी मजदूर की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करायी थी. माली से मजदूरों का अंतिम जत्था 19 फरवरी को झारखंड लौटा है. अब ऐसी ही परेशानी इस बार मलयेशिया में फंसे यहां के मजदूर झेल रहे हैं. ऐसे में सरकार को इस पर ठोस कदम उठाने की जरूरत है.
मलेशिया में फंसे झारखंड के मजदूर
मलेशिया में जो मजदूर फंसे हैं उसमें हजारीबाग जिले के विष्णुगढ़ प्रखंड के चानो गांव के रहनेवाले जगलाल महतो, गोविंद महतो, चेतलाल महतो, भुनेश्वर महतो, मनोज महतो, लीलो महतो शामिल हैं. इनके अलावा मंगरो गांव के सुरेश महतो, रखवा गांव के गिरघारी महतो, भेलवारा गांव के प्रकाश महतो, संपमरवा गांव के तिलेश्वर महतो, टूटकी गांव के प्रदीप महतो शामिल हैं. इनके अलावा बोकारो जिले के गोमियां प्रखंड स्थित तिसकोपी के रोहित महतो, प्रेमलाल महतो, दशरथ महतो, केशु महतो, बासुदेव महतो, विश्वनाथ महतो भी दूतावास में आ चुके हैं.
प्रखंड के बड़की सीधाबारा गांव के पुनीत महतो, प्रेमचंद महतो, चिलगो के टुकामन महतो के अतिरिक्त नावाडीह प्रखंड के महुआटांड़ के रहनेवाले भुनेश्वर कुमार, दुलारचंद महतो, झरी कुमार भी मजदूरों में शामिल हैं. गिरिडीह जिले के बगोदर प्रखंड अंतर्गत खेतको के रहने वाले बिनोद महतो, बासुदेव महतो, रामेश्वर महतो, बुधन महतो, डुमरी प्रखंड के मंगलूहार के रहनेवाले बुधदेव प्रसाद, सेवाटांड़ के देवानंद महतो, घुटवाली के बिनोद महतो शामिल हैं. इन्हें उम्मीद है कि जल्द ही इन्हें झारखंड सरकार सुरक्षित वापस करा लेगी.