आदिल हसन/ न्यूज11 भारत
रांची: आम तौर पर मॉडल्स आपको रैंप पर कैट वॉक करती दिख जाएंगी, लेकिन आप ने कभी किसी मॉडल को कचरे के ढेर पर रैंप वॉक करते नहीं देखा होगा. लेकिन नामुमकिन सा लगने वाले इस काम को रांची के 27 साल के फोटोग्राफर प्राजंल कुमार और मिस झारखंड रह चुकी फैशन मॉडल सुरभि ने अंजाम दिया है. प्रांजल और सुरभि ने इसके लिए रिंग रोड स्थित झिरी कचरा डंपिंग यार्ड को चुना. सुरभि ने कचरे के पहाड़ पर रैंप वॉक किया और प्रांजल ने ड्रोन कैमरे से करीब 210 फीट की ऊंचाई से उसे फिल्माया और साथ ही कैमरे से तस्वीरें भी लीं. करीब चार घंटे तक पर शूट चला. इस दौरान सुरभि रेड ड्रेस पहने कचरे के ऊपर कैटवॉक करती रहीं.
रिंग रोड से गुजरते समय आया आयडिया
प्रांजल ने बताया कि अकसर रिंग रोड से जब हम कार में गुजरते तो झिरी के पास हमें शीशे बंद करने पड़ते. इसके बाद भी दुर्गंध आती. चेहरे पर रूमाल रखना पड़ जाता है. जबकि बाकी रिंग रोड के चारों तरफ सिर्फ हरियाली ही हरियाली दिखती है. वहीं झिरी से गुजरते समय कचरे का पहाड़ दिखता है.
मुझे यह बात बहुत परेशान करती. कैसे हमारे घरों से निकलने वाले कचरे से प्रदूषण फैल रहा है. झिरी के आसपास रहने वाली बड़ी आबादी को रोजाना इसका दंश झेलना पड़ रहा है. राजधानी के कचरे से गांव में रहने वालों की जिंगदी बार्बाद हो रही है. उनकी सेहत पर असर पड़ रहा है.
इसके बाद भी रांची नगर निगम कचरे को प्रोसेसिंग के लिए कोई कदम नहीं उठा रही है. जबकि देश के कई शहरों में प्रोसेसिंग प्लांट लगाकर कचरा खत्म किया जा रहा है. कचरे के ऊपर पार्क बनाया जा रहा है. कचरे को रिसाइकिल किया जा रहा है और राजधानी रांची में हम कचरे के पहाड़ को और ऊंचा करते जा रहे हैं. ऐसे में मैनें सोचा कि क्यों नहीं कचरे पर किसी मॉडल से रैंप वॉक कराकर इस समस्या को देश दुनिया के सामने लाया जाए.
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सुरभि को रेड ड्रेस पहनाने भी के पिछे भी एक खास संदेश
प्रांजल ने बताया कि शूट के दौरान सुरभि को रेड ड्रेस पहनाई गई, ताकि यह संदेश दिया जा सके कि अब बहुत हो गया. अगर हम इस तरह से कचरा डंप करते और उसका प्रोसेसिंग नहीं हुआ तो आने वाले वक्त में इसकी बड़ी कीमत हमें चुकानी पड़ेगी.
स्किन इंफेक्शन हो गया, डॉक्टर के पास जाना पड़ा
मिस झारखंड रह चुकी सुरभि ने बताया कि जब प्रांजल ने उनके पास इस प्रस्ताव को लेकर आए तो वो चौंक गई. पहली बार में तो समझ में नहीं आया कि मुझे कचरे के पहाड़ पर रैंप वॉक करना है, लेकिन इतने बड़े सोशल इशू के लिए मैं ऐसा करने के लिए तैयार हो गई. शूट के दौरान एक-एक फीट तक मेरे पैर कचरे में धंस गए. इसके बाद भी मैंने शूट पूरा किया. शूट के बाद मेरे पैर में स्किन इंफेक्शन हो गया. मुझे डॉक्टर के पास जाना पड़ा. शूट के दौरान मेरे मेरे हाव भाव गंभीर दिखे, ताकि लोगों को इस समस्या की गहराई समझ में आ सके. सुरभि ने इस साल डीएवी हेहल से 12वीं की परीक्षा पास की है. कॉलेज में दाखिला लेंगी.
इंटरनेशनल पहचान मिली
प्रांजल के इस वीडियो शूट को इंटरनेशनल लेबल पर पहचान मिल रही है. प्रांजल ने बताया कि फेसबुक पर वीडियो पोस्ट करने के बाद कई जाने माने पर्यावरणविद की सराहना मिली. कई सेलेब्रिटी ने मेरे वीडियो को शेयर भी किया.
झिरी में 15 लाख टन से अधिक कचरा है जमा
झिरी में एक माह में 15300 टन कूड़ा जमा हो जाता है. यह आंकड़ा साल में 1.83 लाख टन हो जाता है. 10वर्षो में यहां 16 लाख टन से अधिक कचरा जमा हो गया है. निगम के 150 ट्रैक्टर, 200 से अधिक टाटा एसएस, पांच कॉम्पैक्टर, डंपर व अन्य छोटी गाड़ियों से कचरे झिरी पहुंचाये जाते हैं.
10 हजार आबादी प्रभावित
रातू के झिरी में रहनेवाले 10 हजार से अधिक लोगों का जीवन मच्छरदानी में कैद हो गया है. यहां के लोगों को रात-दिन मच्छरदानी में ही रहना पड़ता है. घरों के दरवाजे और खिड़कियों पर परदे नहीं, बल्कि मच्छरदानी लगानी पड़ती है. झिरी की यह स्थिति नगर निगम के कारण हुई है.