सरफराज कुरैशी/न्यूज11भारत
रांची: नगर निगम में गैरकानूनी ढंग से सब रजिस्ट्रार बनाकर प्रमाण पत्र जारी करने का मामला सामने आया है. रांची जिला में किसी भी निबंधन इकाई में मुख्य रजिस्ट्रार (जन्म-मृत्यु) द्वारा उप रजिस्ट्रार नियुक्त करने का अनुमोदन प्रदान नहीं किया गया है. इसके बावजूद नगर निगम में सब रजिस्ट्रार के लॉगिन तैयार कर प्रमाण पत्र निर्गत किया गया. इसको लेकर रांची डीसी सह जिला रजिस्ट्रार (जन्म-मृत्यु) ने रांची नगर निगम के रजिस्ट्रार (जन्म-मृत्यु) को पत्र भेजकर स्पष्टीकरण मांगी. इसी के साथ सब रजिस्ट्रार का गैरकानूनी तरीके से लॉगिन तैयार कर प्रमाण पत्र निर्गत करने वाले व्यक्ति पर प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया.
वहीं नामकुम के कुटियातू में भी सब रजिस्ट्रार के जरिए प्रमाण पत्र निर्गत करने का मामला सामने आया है. इसको लेकर भी संबंधित पदाधिकारी से स्पष्टीकरण मांगी गई है.
पर्सनल मेल के यूज पर भी उठ रहे सवाल
जिला सांख्यिकी पदाधिकारी द्वारा सिविल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (सीआरएस) पोर्टल के तहत रजिस्ट्रार को लॉगिन पासवर्ड दिया गया. इस संबंध में डीसी ने कहा कि यूजर मैनेजमेंट के रजिस्टर्ड यूजर जांच करने पर पता चला कि निगम के रजिस्ट्रार के निबंधन इकाई का यूजर आईडी JH90032RE और यूजर नेम municipalcorporation ranchi, ईमेल आईडी-
[email protected] दर्ज है. जबकि उप रजिस्ट्रार का यूजर आईडी JH90032S name-dyreg1 और ईमेल आईडी-
[email protected] है. ऐसे में स्पष्ट करें कि किस आधार पर रांची नगर निगम के द्वारा
[email protected] का उपयोग किया जा रहा है. इससे स्पष्ट होता है कि रजिस्ट्रार की मिलीभगत से सब रजिस्ट्रार (जन्म-मृत्यु) का लॉगिन बनाकर प्रमाण पत्र जारी किया गया.
सब रजिस्ट्रार बनाने के लिए अनुमोदन जरूरी
जन्म-मृत्यु अधिनियम 1969 की धारा 7 (5) में प्रावधान है कि मुख्य रजिस्ट्रार (जन्म-मृत्यु) के अनुमोदन से रजिस्ट्रार अपनी सहुलियत के लिए उप रजिस्ट्रार नियुक्त कर सकेंगे. उन्हें अपनी कोई या सभी शक्तियां और कर्तव्य सौंप सकेगा. रांची के सदर अस्पताल, नगर निगम समेत विभिन्न सीएचसी-पीएचसी में 670 यूनिट में जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने के लिए रजिस्ट्रार को लॉगिन-आईडी दिया गया है. मगर जिला सांख्यिकी पदाधिकारी विमल कुमार के अनुसार रांची के किसी भी यूनिट में मुख्य रजिस्ट्रार द्वारा उप रजिस्ट्रार नियुक्त करने का अनुमोदन प्रदान नहीं किया गया है.
सब रजिस्ट्रार के हस्ताक्षर से जारी प्रमाण पत्र हो सकते हैं रद्द
मुख्य रजिस्ट्रार के बिना अनुमोदन के बनाए गए सब रजिस्ट्रार द्वारा जारी प्रमाण पत्र रद्द किए जा सकते हैं. दरअसल डीसी ने नगर निगम के रजिस्ट्रार से कहा है कि उप रजिस्ट्रार द्वारा निर्गत सभी जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्रों की सूची तैयार कर जिला सांख्यिकी पदाधिकारी को प्रेषित करें, ताकि ORGI के सीआरएस डाटाबेस से उन निबंधनों को हटाने के लिए महारजिस्ट्रार (जन्म-मृत्यु) नई दिल्ली से अनुरोध किया जा सके. इसके अलावा उप रजिस्ट्रार के हस्ताक्षर से जारी किए गए जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र को निरस्त करने की कार्रवाई के साथ सभी प्रमाण पत्रों की जांच के बाद जन्म-मृत्यु की वास्तविकता सही पाए जाने पर सक्षम प्राधिकार से प्रमाण पत्र जारी करें.
निगम के रजिस्ट्रार का जवाब
डीसी के स्पष्टीकरण का जवाब देते हुए रांची नगर निगम की रजिस्ट्रार ने कहा कि वे रजिस्ट्रार के अलावा सहायक सह स्वास्थ्य चिकित्सा पदाधिकारी के रूप में कार्यरत हैं, जिसके तहत पूरे शहर की सफाई व्यवस्था, सैनिटाइजेशन जैसे कई कार्य हैं. इसलिए विषम परिस्थिति में या मेरे अनुपस्थित रहने पर सहायक सांख्यिकी पदाधिकारी भी प्रमाण पत्र पर हस्ताक्षर कर निर्गत करते हैं. वहीं, रजिस्ट्रार ने डीसी से यह भी कहा कि पूरी जांच के बाद ही प्रमाण पत्र निर्गत किया जाता है. अगर कोई प्रमाण पत्र गलत तरीके से जारी हुए हैं, तो उसकी सूची निगम कार्यालय को उपलब्ध कराएं तो जन्म-मृत्यु एक्ट के तहत उसे निरस्त करने की कार्रवाई की जाएगी. वहीं, साइबर फ्रॉड के मामले में सीधे इनकार करते हुए कहा कि किसी तरह का साइबर फ्रॉड का कार्य नहीं हुआ.