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रांचीः देश के ऐतिहासिक इमारत कुतुबमीनार से भी ऊंची यानी देश की सबसे ऊंची 32 मंजिला इमारत (सुपरटेक के ट्विन टावर) को ध्वस्त कर दी जाएगी. यह इमारत नोएडा के सेक्टर 93 ए में स्थित है. जिसे उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद गिराया जाएगा. परियोजना के अधिकारियों ने बताया कि 100 मीटर से थोड़ी ज्यादा ऊंची ये दोनों इमारतें 15 सेकंड से भी कम वक्त में ताश के पत्तों की तरह ढह जाएंगी. ध्वस्तीकरण की यह प्रक्रिया वैज्ञानिक तरीके से अंजाम दी जाएगी और उसके लिए 3,700 किलोग्राम से अधिक विस्फोटक का इस्तेमाल किया जाएगा. इस दौरान टावरों के सुरक्षा कर्मी तैनात होंगे.
विस्फोटक लगाने का काम हुआ पूरा
बता दें, कि नोएडा में ट्विन टावर में विस्फोटक लगाने का काम पूरा हो चुका है. इस काम को 11 टीमों ने पूरा किया है. वहीं लगभग 10 दिनों से विस्फोटक लगाने का काम चल रहा था. इस काम में 11 टीमें लगी थीं और हर टीम में 40 लोग मोजूद थे. यह काम 10 एक्सपर्ट की निगरानी में पूरा किया गया. विस्फोटक लगाने का काम 16 अगस्त को शुरू हुआ था. 24 अगस्त से वायरिंग का काम शुरू हो गया है, ब्लास्ट के लिए विस्फोटक सामग्री टाइमर से जोड़ी जाएगी और आने वाले 25 अगस्त तक काम पूरा होगा. इसके बाद 25 अगस्त को रिहर्सल होगा.
एडिफिस और अफ्रीका की जेट कंपनी को जिम्मा
मुंबई स्थित कंपनी एडिफिस इंजीनियरिंग दक्षिण अफ्रीका की अपनी साझेदारी कंपनी जेट डिमोलिशंस के साथ मिलकर ध्वस्तीकरण का जिम्मा संभाल रही है, जो उसके लिए दुनिया में सिविल इंजीनियरिंग के सबसे बड़े कारनामों में से एक है. एडिफिस इंजीनियरिंग के अधिकारी उत्कर्ष मेहता ने कहा कि सभी विस्फोटकों में धमाका होने में 9 से 10 सेकंड का वक्त लगेगा और जोरदार आवाज आएगी. धमाकों के बाद इमारतें एक बार में नहीं गिरेंगी और उन्हें पूरी तरह मलबे के ढेर में तब्दील होने में चार से पांच सेकेंड का वक्त लगेगा. उन्होंने कहा कि धूल का गुबार छंटने में भी लगभग 10 मिनट का वक्त लगेगा. वहीं, एडिफिस और साउथ अफ्रीका की जेट कंपनी के चीफ इंजीनियर ने बताया कि इमारत को जमींदोज करने में कुल 9640 होल किए गए, जिसमें तकरीबन 3 हजार 700 किलो का बारूद लगाया गया है. एक होल में उतना ही बारूद भरा गया है कि वह एक कॉलम को सही से तोड़ दें.
कोर्ट ने इमारतों को गिराने का दिया आदेश
बता दें, उच्चतम न्यायालय ने नोएडा के सेक्टर 93 ए में स्थित सुपरटेक के इन ट्विन टावरों को ध्वस्त करने का आदेश दिया है. न्यायालय ने इन इमारतों को अवैध करार दिया तथा कहा कि नियमों का उल्लंघन करके इनका निर्माण किया गया है. परियोजना के अधिकारियों द्वारा तैयार किए गए आंकलन के अनुसार,32 मंजिला एपेक्स और 29 मंजिला सियान इमारतों के ध्वस्त होने से तकरीबन 35,000 घन मीटर मलबा और धूल का गुब्बार पैदा होगा, जिसका निपटान किया जाना होगा.