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रांची: झारखंड बजट सत्र के आठवें दिन व होली अवकाश के दूसरें दिन भी सदन की कार्रवाही हंगामें की भेंट चढ़ गयी. बता दें सदन की शुरुआत होने ही विपक्षी पार्टी ने राज्य में 2016 से पूर्व की नीति पर नियोजन के मामले में सोमवार को पहली पाली में विपक्ष ने जम कर हो-हल्ला किया. इस दोरान भाजपा विधायक वेल में जा घुसे और सरकार से जवाब मांगा. साथ ही सदन में ‘60:40 नाय चलतो, 1932 की भैलो’ का नारा भी गूंजता रहा. लगातार भाजपा विधायक सरकार के खिलाफ सदन में नारेबाजी करते रहे.
इस मामले को लेकर विपक्षी विधायकों का कहना था कि सरकार नियोंजन नीति पर स्थिति स्पष्ट करे. बता दें सदन की कार्यवाही शुरू होते ही नीलकंठ सिंह मुंडा ने मामला उठाया और कहा कि सरकार ने 2016 से पूर्व की व्यवस्था के अनुरूप नियोजन नीति कैबिनेट से पास की है. आगे कहा कि इससे पूर्व विधानसभा ने 1932 का विधेयक पास किया था. सरकार सदन में बताये कि 2016 की नीति क्या है? हाइकोर्ट ने क्या कहा है, विधानसभा को बतायें.
इसी मुद्दे पर बीजेपी के मुख्य सचेतक विरंची नारायण ने कहा कि यह ऐ ज्वलंत मुद्दा है तथा इस मुद्दे पर सरकार सामने आकर जवाब दे. वहीं आजसू सुप्रिमो सुदेश कुमार महतो का कहना था कि सरकार को बताना चाहिए कि सदन से पास हुई नीति को किस कारण बदल दिया गया. आगे उन्होने कहा कि सरकार बताये कि इस नियोजन नीति में 1932 है या नही़ं. इसमें 1932 के लोगों को जगह मिलेगी या नहीं.
विपक्ष के हो हंगामें के बीच स्पीकर रबींद्रनाथ महतो का कहना था कि चर्चा के क्रम में सरकार का उत्तर आयेगा, आप शांत रहें और अपनी सीट पर बैठ जायें. इधर सरकार से स्पष्टिकरण की मांग को लेकर नीलकंठ मुंडा सहित एनडीए के विधायको के सवाल के जवाब में सरकार की ओर से पक्ष रखते हुए विधायक आलमगीर आलम ने कहा कि हाइकोर्ट ने नियोजन नीति रद्द की थी. इस के बाद हाइकोर्ट के आदेश के आलोक में 12 विज्ञापनों को रद्द किया गया है.
वहीं इस विषय पर पलटवार करते हुए झामुमो विधायक सुदिव्य कुमार का कहना था कि सरकार कैबिनेट के माध्यम से नीतियां लाती है, सरकार नियोजन नीति लायी है. सुदेश महतो बतायें कि 1932 का मामला एनडीए की सरकार के पास है उसका क्या हुआ? बता दें हो-हल्ला के बाद स्पीकर श्री महतो ने सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित की. वहीं प्रश्नकाल के दौरान जेएमएम विधायक स्टीफन मरांडी ने राज्य में अनेकों बनकर तैयार डिग्री कॉलेज के भवनों में पठन पाठन शुरू करवाने का मामला उठाया.
इधर सरकार की तरफ से मंत्री मिथलेश ठाकुर ने जवाब देते हुए कहा कि प्रक्रिया पूरी हो चुकी है जल्द शुरुवात होगी. वहीं इस मुद्दे पर स्पीकर ने कहा बीते सत्र के दौरान भी ये मामला आया था सरकार ने अस्वाशन दिया था मगर पढ़ाई शुरू नही हो सकी मंत्री इसका ख्याल रखे कि सदन में दिए गए आश्वाशन पर काम हो.
इसके बाद माले विधायक बिनोद सिंह ने उच्च शिक्षा की गुणवत्ता और शोध को बढ़ावा देने के लिए विश्वविद्यालय शिक्षकों की नियुक्ति का मामला उठाया. वहीं बीजेपी विधायक लगातर वेल में हूटिंग करते रहे तथा रिपोर्टिंग टेबल थपथपा कर लगातार नारेबाजी करते रहें. इधर बीजेपी विधायको की नारेबाजी को लेकर स्पीकर ने कहा कि रोज रोज प्रश्नकाल बाधित करना सही नही है और नाराजगी जताते हुए कहा कि दल पूरे सदन को बाधित कर रहा है.
वहीं विपक्ष के विधायक कुछ भी सुनने के लिए तैयार नहीं थे. वहीं सदन में इधर हो-हल्ला को बीच प्रश्नकाल चलाने की कोशिश होती रही. अल्पसूचित के माध्यम से निर्दलीय विधायक अमित कुमार यादव का इसी मुद्दे से मिलता हुआ प्रश्न आया. श्री यादव ने सरकार से पूछा था कि विगत तीन वर्षों से थर्ड और फोर्थ ग्रेड में नियुक्ति नहीं हो रही है. उन्होंने कहा कि सरकार ने जो नियोजन नीति लायी है, उसमें बाहरी लोगों को लाने की तैयारी हो रही है. इसके बाद सदन की कार्यवाही साढ़े 12 तक स्थगित हो गयी.