न्यूज11 भारत, रांची/ अनमोल मनीषा
सफर पर निकलने से पहले ये पता नहीं होता कि सफर से लौट पाना मुमकिन हो पाएगा की नहीं. कुन्नूर में हुए हेलीकॉप्टर हादसे ने इस बात पर मुहर लगा दी है. हेलीकॉप्टर हादसे में सवार जनरल बिपिन रावत समेत 13 लोगों की मौत हो गई है.
भारत के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ जब बिपिन रावत को देश का पहला CDS अधिकारी यानि चीफ ऑफ़ डिफेन्स स्टाफ 31 दिसम्बर 2016 को बनाया गया था. यह पद आज से पहले किसी को नहीं मिली थी. CDS का काम यह है कि रक्षा मंत्री के प्रमुख सलाहकारों में शामिल होंगे और यह तीनों सेनाओं को निर्देश देंगे. बिपिन रावत को पूरा देश काउंटर इमर्जेंसी ऑपरेशन यानी जवाबी कार्यवाही के एक्सपर्ट के तौर पर भी जानता है.
- बिपिन रावत का जन्म 16 मार्च 1958 को उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में हुआ. इनके पिता लेफ्टिनेंट जनरल एलएस रावत के नाम से जाने जाते थे. इनकी पत्नी मधुलिका एक सोशल वर्कर हैं, जो ज़्यादातर कैंसर के मरीजों के लिए काम करती हैं और उनकी 2 बेटी भी हैं. इनकी शुरुआती पढ़ाई कैंब्रियन हॉल स्कूल देहरादून और सेंट एडवर्ड स्कुल शिमला में हुई थी.
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- उसके बाद उन्होंने 1978 में इंडियन मिलिट्री अकादमी, देहरादून से ग्रेजुएशन किया और उनकी परफोर्मेंस को देखते हुए उन्हें पहला सम्मान पत्र मिला जो स्वॉर्ड ऑफ ऑनर से सम्मानित किया गया था. फिर हायर एजुकेशन के लिए अमेरिका में वेलिंगटन के डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज से डिफेंस में डिग्री भी हासिल की थी.
अमेरिका से वापस लौटने के बाद 1978 में सेना में एंट्री हुई और इनको 11वीं गोरखा राइफल की 5वीं बटालियन में शामिल किया गया. यहां सैन्य सफर शुरू हुआ. उनकी सेवा संख्या IC-35471M है. उनकी पहली 1979 में पोस्टिंग मिज़ोरम में की गई थी. उसके बाद गोरखा में रहते हुए उन्होंने आर्मी की अनेक जैसे Crops , GOC-C , दक्षिणी कमान, IMA देहरादून , मिलटरी ऑपरेशंस डायरेक्टोरेट में जनरल स्टाफ ऑफिसर ग्रेड 2, कर्नल मिलिट्री सेक्रेटरी, डिप्यूटी मिलिट्री सेक्रेटरी, जूनियर कमांड विंग में सीनियर इंस्ट्रक्टर जैसे कई पदों पर भी काम किया है.
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- ये कश्मीर घाटी में पहले नेशनल राइफल्स में ब्रिगिडेयर बने. बाद में मेजर-जनरल के तौर पर इंफेंट्री डिवीजन की कमान संभाली. फिर चाइना बॉर्डर पर इन्होंने कर्नल के तौर पर इंफेंट्री बटालियन की कमान हाथ में ली और फिर उनकी तैनाती देहरादून इंडियन मिलिट्री अकादमी में भी की गई.
- इन्हें अति विशिष्ट सेवा मेडल, युद्ध सेवा मेडल, सेना मेडल व विशिष्ट सेवा मेडल दिए जा चुके हैं. यूनाइटेड नेशंस के साथ काम करते हुए दो बार फोर्स कमांडर कमेंडेशन का अवार्ड दिया गया.
ऐसे था उनका करियर रैंक
• सेकंड लेफ्टिनेंट (16 दिसंबर 78)
• लेफ्टिनेंट (16 दिसंबर 1980)
• कैप्टन (31 जुलाई 1984)
• मेजर (16 दिसंबर 1989)
• लेफ्टिनेंट कर्नल (1 जून 1998)
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• कर्नल (1 अगस्त 2003)
• ब्रिगेडियर (1 अक्टूबर 2007)
• मेजर जनरल (20 अक्टूबर 2011)
• लेफ्टिनेंट जनरल (1 जून 2014 (मूल)) –
• जनरल (1 जनवरी 2017)
• 37वें थल सेनाध्यक्ष (1 सितंबर 2016-31 दिसंबर 2016)
• 27वें सेनाध्यक्ष (31 दिसंबर 2016-31 दिसंबर 2019)
• 32वें चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी के अध्यक्ष (27 सितंबर 2019- 31 दिसंबर 2019)
• 1ST चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (31 दिसंबर 2019-वर्तमान)
बिपिन रावत को इन पुरस्कार से सम्मानित किया गया था
• परम विशिष्ट सेवा पदक
• उत्तम युद्ध सेवा मेडल
• अति विशिष्ट सेवा मेडल
• युद्ध सेवा मेडल
• सेना पदक
• विशिष्ट सेवा मेदा
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