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रांची : तमिलनाडु में कुन्नूर में बुधवार को दोपहर 12 बजकर 20 मिनट पर सेना का Mi-17V5 हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया. अबतक यह साफ नहीं हुआ है कि हेलीकॉप्टर क्रैश होने की क्या वजह है. क्योंकि सेना का यह हेलिकॉप्टर के क्रैश होने की ऐसी घटना पहली बार हुई है. जिसमें क्रैश होने के पहले हेलीकॉप्टर के सेफ लैडिंग का प्रयास विफल हो गया. इस पूरे घटना की उच्चस्तरीय जांच शुरू हो गई है. घटना स्थल पर थल सेना और वायु सेना के एक्सपर्ट पहुंच गए है. एक प्रकार से जांच भी शुरू हो गई है.
मौसम खराब था, बादल छाए हुए थे
हेलीकॉप्टर के क्रैश लैंडिंग को कई स्थानीय लोगों ने देखा है. उनका कहना है कि पहले बहुत तेज आवाज हुई. हेलीकॉप्टर जंगल के पेड़ों पर गिर गया. इसके बाद उसमें आग लग गई, वो आग का गोला बन गया था. वायुसेना के एक्सपर्ट की माने तो हेलीकॉप्टर का ब्लैक बॉक्स ही सेफ लैंंडिंग फेल होने की सच्चाई बताएगा. ब्लैक बॉक्स की जांच होने पर कई बातें सामने आएंगी. दुघर्टना की सच्चाई का पता चल पाएगा. वैसे एक्सपर्ट का कहना है कि हादसे की वजह घने जंगल और कम विजिबिलिटी भी हो सकता है. मौसम खराब था. बादल छाए हुए थे. ऐसे में हेलीकॉप्टर के पायल को विलिविलिटी की परेशानी हुई होगी, इस वजह से वह निर्धारित से कम हाईट पर फ्लाइंग कर रहा होगा. ऐसा होना तो नहीं चाहिए, मगर संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता कि फ्लाइंग के दौरान हेलीकॉप्टर में तकनीकी खराबी आ गई होगी. एक वजह यह भी हो सकता है कि लैंडिंग पॉइंट से दूरी कम होने की वजह से भी हेलीकॉप्टर काफी नीचे उड़ान भर रहा होगा.
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पायलट ने नजदीक के एटीसी से संपर्क करने का किया होगा प्रयास
क्रैश लैंडिंग से पहले पायलट ने नजदीक के एटीसी से जरूर संपर्क साधने की जरूर कोशिश की होगी. यह सामान्य घटना नहीं है. ऐसा होता नहीं है. पायलट ने सेफ लैंडिंग का प्रयास किया होगा. मगर नीचे घने जंगल की वजह से सेफ लैंडिंग कराने में पायलट असफल हो गया होगा. जांच में इन सभी बातों का पता चल जाएगा. प्रारंभिक जांच रिपोर्ट आने के बाद ही दुघर्टना के मुख्य कारण क पता चल जाएगा. दुघर्टनाग्रस्त हेलीकॉप्टर में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका समेत सेना के 14 अफसर सवार थे. जिसमें 13 की मौत होने की जानकारी सामने आ गई है.