झारखंडPosted at: दिसम्बर 03, 2022 झारखंड में एक पखवारे से अधिक समय से चल रहा है गंभीर बिजली संकट
बिजली संकट से निजात पाने के उपाय नहीं दिख रहे, जेवीबीएनएल ने खड़े किये हाथ
न्यूज11 भारत
रांचीः झारखंड में पिछले एक पखवारे से बिजली का गंभीर संकट बरकरार है. झारखंड राज्य विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (जेवीबीएनएल) के अधिकारी बिजली की कमी का रास्ता निकालने में लगे हैं, वहीं शहरी और ग्रामीण इलाकों में लगातार लोड शेडिंग की जा रही है. राजधानी रांची समेत औद्योगिक नगरी जमशेदपुर, कोयलांचल के इलाके समेत अन्य जगहों पर बिजली की कटौती जारी है. राजधानी रांची के विभिन्न ग्रिडों से सुबह छह बजे से लेकर नौ बजे तक अलग-अलग इलाकों में लोड शेडिंग हो रही है. वहीं शाम को भी नियमित रूप से तीन से चार घंटे तक बिजली की कटौती हो रही है. ग्रामीण इलाकों में भी बिजली का संकट बना हुआ है. झारखंड राज्य लघु उद्योग संगठन (जेसिया) ने भी बिजली संकट को लेकर कहा है कि बिजली की स्थिति नहीं सुधरी, तो पलायन जैसी स्थिति हो जायेगी. वैसे भी बिजली की कटौती से उत्पादन लगातार प्रभावित हो रहा है.
जानकारी के अनुसार, बिजली की कटौती की मुख्य वजह दामोदर घाटी निगम डीवीसी से छह सौ मेगावाट की बिजली नहीं मिलना है. राज्य में प्रति दिन 21 सौ से अधिक मेगावाट बिजली की आवश्यकता है. ऐसे में सेंट्रल ग्रिड से जुलाई 2022 से लगातार बिजली नहीं दी जा रही है. वहीं डीवीसी भी पैसे के बकाये को लेकर डीवीसी कमांड एरिया में बिजली काट रहा है. डीवीसी को राज्य सरकार ने छह हजार करोड़ का भुगतान नहीं किया है. डीवीसी से हुए समझौते के अनुसार झारखंड सरकार 60 करोड़ की बिजली प्रत्येक माह खरीदती है. यह बकाया अब बढ़ कर छह सौ करोड़ हो गया है. औसतन 200 करोड़ रुपये का भुगतान डीवीसी को जेबीभीएनएल की तरफ से किया जाता है. राज्य के जमशेदपुर में अवस्थित आधुनिक पावर से मिलनेवाली 180 मेगावाट बिजली पर भी रोक लगा दी गयी है. राजधानी रांची के सिकिदरी हाईडल परियोजना से 120 मेगावाट बिजली का उत्पादन 15 नवंबर से बंद है, क्योंकि रूक्का डैम का जल स्तर 25 फीट से कम है. 25 फीट से अधिक पानी रहने पर ही सिकिदरी हाईडल प्रोजेक्ट के लिए पानी दी जाती है. वहीं सेंट्रल पुल से हाईड्रो प्रोजेक्ट से मिलनेवाली बिजली में 200 मेगावाट की कटौती कर दी गयी है.