अजय लाल / न्यूज11 भारत
रांचीः राजधानी रांची में सैंकड़ों तालाबें हैं. इनमें से कई तालाब बदहाल स्थिति में है तो कई तालाबों की स्थिति बहुत अच्छी है. लेकिन इसी रांची में एक ऐसा तालाब भी है जो हर महीने डेढ़ से दो लाख रूपये कमाता है. राजधानी रांची के अरगोड़ा तालाब, यह तालाब हर महीने डेढ से दो लाख रूपये कमाता है. दरअसल रांची नगर निगम हर साल रांची में मौजूद तालाबों का टेंडर जारी करता है. टेंडर लेने वाला संवेदक ऐसे तालाबों में मछली पालन करके तालाब को कमाऊ बना डालता है.
जानिए कैसे होती है कमाई
अरगोड़ा तालाब में हर रविवार को बड़ी संख्या में लोग शौकिया या फिर कमाई के लिए मछली मारने आते हैं. ऐसे लोगों को इस तालाब में इंट्री तभी मिल पाती है जब वो पांच सौ रूपये का कूपन कटवाते हैं. संवेदक का कर्मचारी हर रविवार को यहां पर मछली मारने के लिए लोगों को इंट्री देता है. हर शख्स से पांच सौ रूपये लिए जाते हैं. चार जून को यहां पर कुल 72 लोग मछली मारने आये थे. सभी ने पांच सौ रूपये का कूपन लिया था. मतलब चार जून को संवेदक के पास 36 हजार रूपये आए थे. कूपन नहीं लेने वालों को तालाब में इंट्री नहीं दी जाती है. इस तरह से यदि गुणा भाग करें तो हर महीने तालाब के संवेदक को डेढ़ से दो लाख की कमाई हो जाती है.
जानें कूपन कटवाने वाले लोगों का फायदा या नुकसान
कूपन कटवाने वाले लोग यहां सुबह सात बजे से नौ बजे तक आ जाते हैं. उसके बाद शुरू होता है मछली मारने का सिलसिला. कई लोगों की किस्मत अच्छी होती है. उनके फीशींग रड में दो से तीन घंटे के भीतर पांच से सात बड़ी मछलियां फंस जाती है. इन मछलियों का वजन साढे़ दस से ग्यारह किलो होता है. बाजार में ताजी मछलियां दो से ढाई सौ रूपये किलो बिकती है. मतलब अगले को 2750 रूपये मिल जाता है. यदि 2750 रुपए में से एंट्री फीस की पांच सौ रूपया घटा दें तो मछली मारने वालों को 1750 रूपये का फायदा होता है. कई लोग शौकिया तौर पर टाईम पास करने के लिए मछली मारने आते हैं. वो यहां से ताजी मछलियां लेकर घर चले जाते है.
फायदा किसका ?
ऐसे कार्य से तीन तरफा फायदा होता है. पहला फायदा रांची नगर निगम को होता है जो ऐसे तालाबों का टेंडर करता है. टेंडर के एवज में नगर निगम को लाखों रूपये मिलते है. वहीं दूसरा फायदा संवेदक को होता है जो लाखो रूपया देकर तालाब का टेंडर अपने नाम से लेते है. और तीसरा फायदा यहां मछली मारने आने वाले लोगों को होती है. उन्हें ताजा मछली मिल जाती है, साथ ही बड़ी मात्रा में मछली मिलने पर वो बाजार में इसे बेचकर अच्छी खासी कमाई कर लेते हैं. कई बार तो ताजी मछलियों के खरीदार सामने मौजूद भी होते हैं.
किस- किस किस्म की मछलियां मिलती है तालाब में
अरगोड़ा तालाब में रेहू, कतला से लेकर चोंचवाला सेलमन,हलवा मछली तक मिल जाता है. कुल मिलाकर यदि अरगोड़ा तालाब के तर्ज पर अन्य तालाबों में भी मछली पालन किया जाये तो यह फायदे का सौदा साबित हो सकता है.