रांची: झारखंड में महिलाओं के खिलाफ अपराध के आंकड़ें चिंताजनक है. पुलिस मुख्या लय की ओर से तैयार इन आंकड़ों के अनुसार राज्य में महिलाओं के खिलाफ होने वाली घटनाओं में इजाफा हुआ है. महिलाओं के साथ दुष्कर्म, छेडछाड़, दहेज के लिए हत्या एवं प्रताड़ना के मामलों में वृद्धि देखी गई है. 2019 में कुल 1687 महिलाएं दुष्कर्म की शिकार हुई थी. जबकि 2020 में दुष्कर्म की 1796 घटनाएं हुई.
इस वर्ष जुलाई (2021) महीने तक 929 महिलाएं दुष्कर्म का शिकार हुई हैं. जबकि दहेज के लिए 168 महिलाओं की हत्या कर दी गई. इसके अलावा 41 महिलाओं को डायन बता कर हत्या की गई. राज्य में 19 महीनों में कुल 2725 महिलाओं से दुष्कर्म हुआ और 441 महिला दहेज संबंधी कारणों से मौत का शिकार हुई है.
रांची में सबसे अधिक दुष्कर्म मामले
झारखंड पुलिस के आंकड़ो के अनुसार रांची में सबसे अधिक दुष्कर्म के मामले सामने आए हैं. हर महीने 15 - 20 ज्यादा घटनाएं हुईं. 2020 से अब तक (जुलाई 2021 तक) रांची में 347 महिलाएं दुष्कर्म का शिकार हुई हैं. इस मामले में 186 मामलों के साथ गढ़वा दूसरे नंबर पर है.
वहीं, 2020 में राज्य की 1796 महिलाएं और जुलाई 2021 तक 929 महिलाओं के साथ दुष्कर्म हुआ. यानी 19 महीनों में कुल 2725 महिलाएं दुष्कर्म का शिकार हुई.
दहेज के लिए गिरिडीह जिले में हुई सबसे अधिक हत्याएं
दहेज के लालच में राज्य में विवाहित महिलाओं की हत्या रुकने का नाम नहीं ले रही है. खूंटी और सरायकेला जिले को छोड़ दिया जाए तो बाकी जिले में दहेज हत्या के काफी मामले सामने आये हैं. झारखंड पुलिस के आंकड़े बताते हैं कि इस वर्ष यानी जनवरी से लेकर जुलाई 2021 तक 168 महिला की हत्या दहेज के लिए की गई. 19 महीनों में कुल .
झारखंड पुलिस के आंकड़ों के मुताबिक, वर्ष 2017 की तुलना में वर्ष 2018 में दहेज के लिए अधिक महिला हत्या हुई है.
2016 में 285
2017 में 266
2018 में 283
2019 में 301
2020 में 273 हत्याएं दहेज के लिए हुईं