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रांची: पीएलएफआई सुप्रीमों दिनेश गोप को कोर्ट ने एनआईए के 8 दिनों के रिमांड पर भेजा है. इन 8 दिनों में एनआईए दिनेश गोप से पूछताछ करेगी. बता दें, सोमवार (22 मई) को कड़ी सुरक्षा के बीच दिनेश गोप को कोर्ट के समक्ष पेश किया गया. जहां NIA ने PLFI सुप्रीमो दिनेश गोप से पूछताछ के लिए 14 दिनों के रिमांड की मांग की थी लेकिन कोर्ट ने 8 दिनों के रिमांड की मंजूरी दी. अब कोर्ट से मंजूरी के बाद NIA दिनेश गोप से पूछताछ शुरू कर देगी.
रविवार (21 मई) एनआईए और झारखंड पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में झारखंड के मोस्ट वांटेड 25 लाख के इनामी दिनेश गोप को गिरफ्तार कर लिया. दिनेश गोप उग्रवादी संगठन पीएलएफआई का सुप्रीमो है. 30 लाख का इनामी नक्सली दिनेश गोप को कई सुरक्षा के बीच रांची के बिरसा मुंडा एयरपोर्ट से बाहर लाया गया. बता दें कि दिनेश गोप की गिरफ्तारी नेपाल में हुई थी इसके बाद दिल्ली होते हुए रांची लाया गया है. एनआईए के द्वारा दिनेश गोप को गुप्त स्थान पर रखकर पूछताछ की जाएगी. इस दौरान कई बड़े खुलासे होने की उम्मीद है. दिनेश गोप के ऊपर झारखंड पुलिस ने 25 लाख का इनाम घोषित किया था. वहीं, एनआईए ने उसपर पांच लाख का इनाम घोषित कर रखा था.
नोटबंदी के समय NIA ने दर्ज किया था केस
झारखंड में खूंटी जिले के दिनेश गोप उर्फ कुलदीप यादव उर्फ बडकू के खिलाफ पहले NIA ने नोटबंदी की गई रुपये की बरामदगी से संबंधित मामले (आरसी-02/2018/एनआईए/डीएलआई) में चार्जशीट किया था. पीएलएफआई के कार्यकर्ताओं से 25.38 लाख रु. उक्त मामले में वह फरार था, पीएलएफआई के खिलाफ एनआईए रांची शाखा द्वारा जांच किए जा रहे दो मामलों में से एक था.
दिनेश गोप के खिलाफ 102 से अधिक केस हैं दर्ज
NIA की जांच के अनुसार, आरोपी दिनेश गोप के खिलाफ झारखंड, बिहार और ओडिशा राज्यों में 102 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज हैं. इनमें से अधिकांश मामले हत्या, अपहरण, धमकी, जबरन वसूली और पीएलएफआई के लिए धन जुटाने से संबंधित हैं, जो झारखंड में 2007 में गठित एक उग्रवादी माओवादी संगठन है और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी-माओवादी (सीपीआई-माओवादी) का एक अलग समूह भी है.