अमित दत्ता/ न्यूज़11 भारत,
बुंडू/डेस्क: तमाड़ प्रखण्ड के आराहांगा , बुढ़ाडीह,बेलबेड़ा,गूंगादा, चिपीबाँधडीह तथा जारगो में आदिम जनजाति (विरहोर, पहाड़ीया) को
अंतोदय अन्न योजना के तहत मिलने वाले राशन में घोर अनियमितता की शिकायत मिलने और विभाग द्वारा कोई कारवाई नहीं किए जाने के बाद किसान जनाधिकार मंच के केंद्रीय कमेटी के द्वारा प्रेस कांफ्रेंस कर जानकारी दी गयी.
जिसमें प्रेस वार्ता करते हुए केंद्रीय अध्यक्ष मथुरा प्रसाद साहू ने कहा कि बीते कई वर्षों से आदिम जनजाति परिवारों को राशन नहीं मिल रहा है वहीँ 37 कार्डधारकों के मृत्यु कई वर्ष पूर्व होने के बाद भी राशन कार्ड जीवित है. उन्होंने बताया कि आदिम जनजाति के 119 परिवार का राशन कार्ड है जबकि लगभग दो दर्जन से अधिक आदिम जनजाति परिवार को अभी तक राशन कार्ड नहीं मिला है. उन्हें न तो राशन मिलता है और ना पेंशन मिलता है. विगत एक वर्ष से किरासन तेल,चीनी, नमक दाल का उठाव हो रहा है लेकिन इन्हें नहीं दिया जा रहा है। वहीँ BSO अभिजीत चेल के द्वारा द्वारा एक गैर सरकारी दलाल सुफल कुम्हार को रखा गया है जो तमाड़ प्रखण्ड के आपूर्ति विभाग को पुरी तरह से चलाती है. उन्होंने कहा कि आखिर इनका राशन कौन खा रहा है यह जांच का विषय है.आदिम जनजाति को उनका राशन घर पहुँचा कर देना है परन्तु करीब चार-पांच किमी दूर से राशन डीलर के यहाँ से राशन लेने को मजबूर हैं. जबकि आदिम जनजाति का डीलर प्रखण्ड आपूर्ति पदाधिकारी होता है, राशन में भी कटौती की जाती है, सिलबन्द बोरा देना है परन्तु खुला बोरा में राशन दिया जा रहा है जिसमें से दो से तीन किलो राशन काट लिया जाता है.
इस मामले में किसान जनाधिकार मंच के द्वारा मामले को लेकर प्रधानमंत्री , मुख्यमंत्री, खाद्य आपूर्ति पदाधिकारी मंत्री,खाद्य आपूर्ति सचिव, उपायुक्त रांची तथा अनुमंडल पदाधिकारी बुंडू को 18 मार्च को पत्राचार किया गया है. परंतु अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गयी है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार से लेकर केंद्र सरकार आदिम जनजाति की सुरक्षा करने का हर संभव प्रयास कर रहे है लेकिन दुर्भाग्य है कि कोई कार्रवाई नहीं हुई है. इस मामले में केंद्रीय अध्यक्ष मथुरा प्रसाद साहू ने कहा है कि 15 दिनों के अंदर आदिम जनजातियों को न्याय नहीं मिलती है और ऐसे भ्रष्ट पदाधिकारियों पर कारवाई नहीं की जाती है तो किसान जनाधिकार मंच चरणबद्ध आंदोलन के लिए बाध्य होगी.