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रांची: लैंड फॉर जॉब मामलें में इडी को अबतक कई ऐसे सबूत मिल चुके हैं जो लालू परिवार की मुश्किलें बढ़ा सकती है. बता दें अबतक बेहिसाब लालू यादव के परिवार और करीबियों के पास से करीब एक करोड़ रुपये नकद मिला है. वहीं करीब 600 करोड़ के लेन-देन के अवैध कारोबार का पता चला है.
मीडीया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस छापे में 600 करोड़ रुपये के लेन-देन का खुलासा हुआ है. ईडी ने यह भी दावा किया है कि लालू प्रसाद के परिवार की ओर से रियल एस्टेट और अन्य क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर पूंजी का निवेश किया गया है. फिलहाल इसकी जांच चल रही है. बता दें इस मामले में ईडी ने एक साथ लालू के परिवार और करीबियों के करीब 25 ठिकानों पर छापेमारी की थी.
मालूम हो शुक्रवार को राजद के पूर्व विधायक अबू दोजाना के अलावा बिहार के उपमुख्यमंत्री व लालू के पुत्र तेजस्वी प्रसाद यादव, रागिनी यादव, हेमा यादव, चंदा यादव, अमित कत्याल, नवदीप सरदाना, प्रवीण जैन और अजय कुमार के यहां छापेमारी की गयी थी. देश के अलग अलग जगहों पर इडी ने एक साथ रेड की थी, जांच एजेंसी ने पटना, दिल्ली, रांची, मुंबई, यूपी व हरियाणा में ईडी ने एक साथ करीब 25 ठिकानों पर छापेमारी की थी.
वहीं बताया जा रहा है कि इस छापेमारी में राजद सुप्रिमों लालू यादव की बेटियों और तेजस्वी यादव के घर पर 70 लाख कैश, दो किलो सोना और 1900 डॉलर मिले. वहीं बरामद सोने में डेढ़ किलो जेवर और 540 ग्राम सोने का सिक्का शामिल है. इधर ईडी ने अपने आधिकारिक बयान में कहा है कि छापेमारी में लगभग 600 करोड़ रुपये की आपराधिक आय का पता चला है. अब तक की जांच में पता चला है कि 600 करोड़ की संपत्ति गलत तरीके से अर्जित की गयी.
इनमें से 350 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति मिली है, वहीं, बेनामी लोगों के नाम पर 250 करोड़ रुपये के लेन-देन किये गये हैं. आगे ईडी ने बताया कि अब तक के जांच से पता चला है कि तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार द्वारा रेलवे में नौकरी दिलाने के एवज में पटना और अन्य क्षेत्रों में प्रमुख स्थानों पर कई जमीनों की अवैध रूप से रजिस्ट्री करायी गयी थी. इन जमीन का वर्तमान बाजार मूल्य 200 करोड़ रूपये से ज्यादा है. वहीं बताते चलें कि ईडी ने इन जमीनों की रजिस्ट्री के लिए खडे़ किये गये कई बेनामी लोगों, फर्जी संस्थाओं और दूसरे लोगों की पहचान कर ली है.