कहा- सुनियोजित षडयंत्र के तहत झारखंड और झारखंड सरकार को बदनाम करने चल रही है साजिश
कार्रवाई के पहले इलेक्शन कमीशन की सूचनाएं निशिकांत के पास कैसे पहुंच रही है
पहले बंगाल में एक महिला और अब झारखंड में एक आदिवासी सीएम को परेशान किया जा रहा है, झामुमो चुप नहीं बैठेगा
न्यूज11 भारत
रांची: झामुमो आज एक साथ केंद्र सरकार, इलेक्शन कमीशन और गोड्डा सांसद निशिकांत दूबे पर बड़ा हमला किया है. पार्टी वरिष्ठ नेता सुप्रियो भट्टाचार्य ने आज पार्टी कार्यालय में आयोजित एक प्रेस वार्ता में कहा कि जब भाजपा राजनैतिक तौर कहीं पराजित होती है तो वहां पर किसी न किसी तरह से सरकार को परेशान और अस्थिर करने का प्रयास करती है. पहले बंगाल में एक महिला को परेशान किया गया, जब वहां नहीं सके तो केंद्रीय एजेंसी के माध्यम से एक महिला सीएम को परेशान करने का प्रयास किया जाता रहा है. बंगाल की हालत तो अब यह कि उनके चुने सांसद, विधायक पार्टी छोड़कर टीएमसी में वापस आ रहे हैं. ठीक बंगाल की तरह अब झारखंड में भी पराजित होने के बाद यहां मुख्यमंत्री, सरकार और झारखंड को केंद्रीय एजेंसी का सहारा लेकर बदनाम करने का प्रयास किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि झामुमो इसे बर्दाश्त नहीं करेगा. इसका मुंह तोड़ जवाब दिया जाएगा. हमारे पास बहुत सारे लोकतांत्रिक साधन है. आज केवल इसका नमूना दिया है. यहां के आदिवासी-मूलवासियों के साथ कोई अन्याय होगा तो उसका जवाब देने में सक्षम हैं.
इलेक्शन कमीशन की सूचनाएं कैसे लीक हो रही है
सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि इलेक्शन कमीशन की सूचनाएं आखिकार कैसे लीक हो रही हैं. कारवाई के पहले ही इलेक्शन कमीशन की सूचना भाजपा सांसद निशिकांत दूबे के पास कैसे पहुंच जा रही है. यह देश के एक संवैधानिक संस्था के लिए बड़ा प्रश्न चिन्ह खड़ा करता है. इससे यह साबित हो रहा है कि एक सुनियोजित षडयंत्र केंद्र सरकार द्वारा रचा जा रहा है. अगर इलेक्शन कमीशन निष्पक्ष है तो गोड्डा सांसद पर वह एक्शन ले.
केंद्रीय एजेंसियों के अफसरों के मैसेज भी सांसद के पास पहुंच रहा है, संघीय ढ़ाच को समाप्त करने की कोशिश
भट्टाचार्य ने कहा कि भाजपा राजनैतिक तौर पर पराजित होने के बाद उसे डराने और धमकाने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल करती है. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग पूरी तरह से संवैधानिक संस्था है. ईडी, सीबीआई, एनआई, सेंट्रल विजिलेंस भी केंद्रीय संस्था है. मगर यह एजेसिंया अपने से कुछ नहीं करते हैं. गोड्डा सांसद इनके कोई भी कारवाई के पूर्व एक ट्वीट आ जाता है. देश में कौन से कानून है कि केंद्रीय एजेसिंया क्या करेगी? इस पर संस्था के पहले सांसद बोल देते हैं. इसके मतलब एक सुनियोजित कहानी गढ़ी गयी है. आज भी उनका एक टवीट आया है कि झामुमो का तीसरा विकेट गिर गया. आपको किसने कहा कि दो विकेट गिर गया. देश में संविधान है या नहीं. चुनाव आयोग क्या करेगा. यह खबर इनको पहले आ जाती हैं. केंद्रीय एजेंसियां क्या करेगी, इसकी जानकारी इनको पहले आ रही है. यह भंयकर परस्थिति है. उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह से लोकतंत्र तो समाप्त करने की कोशिश की जा रही है. पूरी तरह से संघीय व्यवस्था को तोड़ा जा रहा है. अजीब बात है किसी अफसर के मोबाइल में क्या मैसेज है, यह तक सांसद बता रहे हैं. किसका मैसेज क्या किसको गया, उसमें क्या लिखा है. सभी बता रहे हैं. कहीं न कहीं सभी एजेंसियां माननीय सांसद को रिपोर्ट करती है. यह साफ हो गया कि राजनीतिक तौर पर परास्त होने के बाद भाजपा सरकार को अस्थिर करने के लिए हर तरह के हथकडें अपना रही है. एक आदिवासी सीएम को परेशान करने के लिए सारा खेल रचा गया. सभी एजेंसियों से कहना चाहता हूं कि आपकी सूचनाएं लीक हो रही है, तो आपको मौन नहीं रहना चाहिए. आपको सांसद पर कारवाई करनी चाहिए. क्योंकि जांच का सूत्र यह दावा कर रहा है कि जो-जो हो रहा है तो यह भयंकर चीज है.
निशिकांत के सूचनाओं पर सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट स्वत: संज्ञान ले
सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट से अपील करते हैं कि वह स्वत: संज्ञान ले किस तरह चीजों का सजाया जा रहा है. 6 मई से आज तक यानि की एक पखवाड़ा बीत गया. मनरेगा घोटाला, कठौतिया घोटाला, मोमेंटम घोटाला इस पर कब आधिकारिक बयान आएगा. क्योंकि मीडिया में मनगढ़ंत कहनियां गढ़ी जा रही है. सभी में एक ही प्रकार की खबरें दिखायी जा रही है, छापी जा रही है. इसका मतलब साफ है कि कहानियां कहीं और लिखी जा रही है. जो कहानी लिखी गयी, जो कहानी सुनाई जा रही है. इसके पीछे के मास्टर माइंड को जनता बहुत जल्द बेनकाब करेगी.