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रांचीः आज झारखंड विधानसभा बजट सत्र का छठा दिन है सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले विपक्ष दल के विधायकों ने आज भी सदन के बाहर प्रदर्शन किया. प्रदर्शन के दौरान विधायकों ने राज्य सरकार की नई नियोजन नीति के खिलाफ प्रदर्शन किया साथ ही सरकार पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि इस नई नीति में राज्य के आदिवासियों और मूलवासियों की हकमारी होगी. विधायकों ने सारकार पर निशाना साधते हुए कहा कि 1932 की बात करने वालों ने अब ओपन टू ऑल कर दिया है.
नई नियोजन नीति से राज्य का नहीं होगा भला- डॉ लंबोदर महतो
आजसू विधायक डॉ लंबोदर महतो ने कहा कि सरकार जो नई नियोजन नीति लाने वाली है उससे राज्य की जनता का भला होने वाली नहीं है ना ही शिक्षित बेरोजगारों का भला होगा, यहां के नौयुवकों का कल्याण भी होने वाला नहीं है. उन्होंने कहा कि सदन के बहर और अंदर हम विपक्षी दल के सभी नेता इसका विरोध करेंगे.
बीजपी वाले झारखंड के साथ गद्दारी कर रहे- मंत्री बन्ना गुप्ता
वहीं स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि अगर हम हिंदी और भोजपुरी बोलते है तो क्या बाहरी हो गए? उन्होंने कहा कि सब भीतरी (झारखंडवासी) है बन्ना गुप्ता ने कहा कि हमने तो कहा था कि हमसब एक साथ है हमने कहा था कि 1932 से लेकर 2023 तक हमलोग सब झारखंड के लोग झारखंड में सर्म्सता से प्रेम और भाईचारे के साथ रहेंगे. वहीं चीज हुआ है. उन्होंने कहा कि सरकार संवेदनशील है. सरकार ने सबके हित का ध्यान दिया है.
वहीं बीजेपी पर निशाना साधते हुए बन्ना गुप्ता ने कहा कि अभी इंग्लिश, हिंदी और संस्कृत को फिर समाहित कर दिया तो भी पेट में दर्द है तो आखिर बीजेपी चाहती क्या है. अगर बीजेपी चाहती है कि हिंदी को भी हटा दिया जाए. तो वे खुल कर बोले.उन्होंने कहा कि बीजपी वाले झारखंड के साथ गद्दारी कर रहे है. कभी कुछ, कभी कुछ बोलते है बीजेपी वाले.
सरकार ने आखिर सदन को क्यों नहीं बताया- लोबिन हेंब्रम
इधर इस मामले (नई नियोजन नीति) को लेकर जेएमएम विधायक लोबिन हेंब्रम ने कहा कि सरकार की नई नियोजन नीति को लेकर उहापोह की स्तिथि बनेगी,कैबिनेट से पारित होने के बाद सदन में इसपर सरकार का कुछ नही कहना सदन की अवमानना है, सरकार इस स्थिति को स्पष्ट करें. लोबिन हेंब्रम ने आगे कहा कि चलते सत्र में कैबिनेट की बैठक में लिए गए फैसले को सदन में रखना चाहिए था. उन्होंने अपनी बात दोहराते हुए कहा कि सरकार ने आखिर सदन को क्यों नहीं बताया, पूरे राज्य में असमंजस का माहौल है.
पुरानी नीति को हाई कोर्ट ने रद्द किया था सब जानते है- BJP
सदन कार्यवाही के दौरान विपक्षी विधायक वेल में पहुंचकर सरकार की नई नियोजन नीति के खिलाफ हंगामा करने लगे. इस बीच उन्होंने सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की. बीजेपी विधायकों ने कहा कि कैबिनेट में जो चाहे कर लें, ये सदन का अवमानना है जब सदन ने 1932 को पारित किया फिर उच्च न्यायालय ने खारिज करते हुए क्या कहा. सरकार सदन को ये बताए.
आसान से कुछ कहे ये उचित नहीं, ये सरकार का मामला- स्पीकर
वहीं विधानसभा स्पीकर रवींद्रनाथ महतो ने सदन को सुचारू रुप चलने देने की अपील विपक्षी विधायकों से कही. स्पीकर ने प्रश्नकाल चलाने में सहयोग की मांग की साथ ही नई नियोजन नीति पर उन्होंने कहा कि हम आसान से कुछ कहे ये उचित नहीं होगा ये सरकार का मामला है.
इस मसले में मंत्री आलमगीर आलम ने रखा सरकार का पक्ष
नई नियोजन नीति में सरकार का पक्ष रखते हुए संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि सदस्यों ने कैबिनेट के बाद सदन में नहीं लाने का मामला आया है उन्होंने विपक्ष से अपील करते हुए कहा कि सदन को चलने दीजिये 13 मार्च को सरकार अपने उत्तर में इसपर अपनी बात रखेगी.
अखबारों से मिली जानकारी, राज्य में कंफ्यूजन की स्थिति- बाबूलाल
इधर विपक्ष दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने भी सरकार को घेरने की कोशिश की. उन्होने कहा कि सरकार को अपनी नई नियोजन नीति के फैसले को पहले ही सार्वजनिक करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि जानकारी अखबारों से मिली है. राज्य में कंफ्यूजन की स्थिति है.
1932 का प्रस्ताव पारित हुआ था उसका क्या हुआ- नीलकंठ
वहीं बीजेपी विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा ने सरकार की नई नियोजन नीति को लेकर आपत्ति जताई. साथ ही उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सदन में बताए जो 1932 का प्रस्ताव पारित हुआ था उसका क्या हुआ.