न्यूज11 भारत / आशीष शास्त्री
सिमडेगा: कहते हैं कि सफलता और शोहरत कोई बडे शहर या धनराशि के मदद की मोहताज नहीं होती ये तो बस लगन और मेहनत के बल पर मिलती है. ऐसे ही लगन और मेहनत ने सिमडेगा के सुदूर प्रखंड जलडेगा के एक छोटे से गांव सिमरिया निवासी लोक कलाकार जगदीश बड़ाईक को राष्ट्रीय स्तर के संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार के लिए हुआ चयन किया गया. ये सिमडेगा जिले का मान एक मान फिर शिखर पर पंहुचा दिया है.
सिमडेगा एक बार फिर गौरवांवित हुआ है. सिमडेगा के एक छोटे से प्रखंड जलडेगा के लोक संगीत कलाकार को राष्ट्रीय स्तर पर संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार के लिए चयनित किया गया है. खेल और कला की नगरी सिमडेगा एक बार फिर अपनी संस्कृति की पहचान से गौरवांवित हुआ है. सिमडेगा के सुदूर जंगल झांड़ से भरे जलडेगा प्रखंड के सिमरिया गांव के रहने वाले लोक संगीत के कलाकार जगदीश बड़ाईक को संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार के लिए चयनित किया गया है.
देशभर के 128 लोगों का चयन
बता दें, कि पूरे देशभर से इस पुरस्कार के लिए मात्र 128 लोगों का ही चयन हुआ है. जिसमें झारखंड की छह शख्सियतों को देश के प्रतिष्ठित संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार वर्ष 2019, 2020, 2021 के लिए चुना गया है. उसमें सिमडेगा के जगदीश बड़ाईक भी शामिल हुए. इसकी घोषणा संगीत नाटक अकादमी, नई दिल्ली के सचिव एपी राजन ने की है. इस वर्ष विभिन्न कला विधाओं से जुड़े देश भर के 128 लोगों व संस्थाओं का चयन अकादमी पुरस्कार के लिए किया गया है. जिन्हें समारोह पूर्वक राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित किया जायेगा. झारखंड राज्य से चुनी गयी शख्सियतों में स्वतंत्र रंगकर्मी अजय मलकानी का, सरायकेला शैली के छऊ नृत्य गुरु सह कलाकार ब्रजेंद्र कुमार पटनायक का, ट्राइबल फोक व म्यूजिक के लिए नायक टोली हटिया के महावीर नायक का, अमृत अवॉर्ड संथाली म्यूजिक के लिए जादूगोड़ा पूर्वी सिंहभूम के दुर्गा प्रसाद मुर्मू का, उस्ताद बिस्मिल्लाह खान युवा पुरस्कार-2020 के लिए सिमडेगा के जगदीश बड़ाईक का, उस्ताद बिस्मिल्लाह खान युवा पुरस्कार-2021 के लिए बोकारो के बिनोद महतो का नाम शामिल है. उनकी इस कामयाबी पर आज पूरा सिमडेगा जिला गौरवांवित है और जगदीश बड़ाईक को शुभकामनाएं दे रहे हैं.
जिला के अधिकारियों ने दी बधाई
जलडेगा प्रखंड प्रशासन भी जगदीश बड़ाईक की इस कामयाबी से गदगद हुई. जलडेगा बीडीओ विजय राजेश बारला और सीओ डॉ खगेंद्र ने तो एक समारोह आयोजित कर शनिवार को प्रखंड कार्यालय में जगदीश बड़ाईक को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया. मौके पर बीडीओ ने कहा ये जलडेगा के साथ-साथ सिमडेगा जिले के लिए बहुत गौरव की बात है कि जलडेगा जैसे सुदूर प्रखंड के कलाकार को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली और उन्हे महामहिम राष्ट्रपति द्वारा पुरस्कार दिया जाएगा. पूरा जलडेगा इनकी कामयाबी से गदगद है.
पद्मश्री मुकुंद नायक से मिली प्रेरणा- जगदीश
एक सुदूर प्रखंड के छोटे से गांव से निकल कर जगदीश बड़ाईक सिर्फ अपनी मेहनत और लगन के बदौलत यहां तक पंहुचे. इसके लिए वे अपनी माटी का धन्यावाद देते हैं. उन्होने कहा माटी से जुड़कर रहने से संस्कृति बचेगी. उन्होंने सिमडेगा निवासी पद्मश्री मुकुंद नायक को आपनी प्रेरणास्रोत बताते हुए कहा कि उनको देखकर ही वे माटी से जुड़े, संगीत की साधना की और मां सरस्वती की कृपा हुई कि आज उनकी आवाज को पहचान मिली. इस मौके पर उन्होंने अपने मधुर स्वर में झारखंड की संस्कृति को भी प्रस्तुत किया.
खेल और कला की नगरी सिमडेगा की माटी अपने लाल जगदीश के कामयाबी से गदगद है. सिमडेगा की माटी शुरू से हॉकी हो या संगीत कला हर क्षेत्र में आगे रहती है. यहां की माटी का ही कमाल है कि जगदीश बड़ाईक की संगीत साधना शिखर को छूने लगी.