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रांची/डेस्कः लोकसभा चुनाव को लेकर देश में आज दूसरे चरण का मतदान डाला जा रहा है. इस दौरान सर्वोच्चतम न्यायालय (सुप्रीम कोर्ट) ने एक अहम और बड़ा फैसला सुनाया है. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्शन कमीशन को बड़ी राहत दी है. इसके साथ ही EVM के माध्यम डाले गए वोट की VVPAT की पर्चियों से 100 प्रतिशत मिलान मामले में सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को करारा झटका दिया है. मामले में फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने साफ कह दिया है कि देश में बैलेट पेपर से चुनाव का दौर फिर से वापस नहीं आएगा. मतलब देश में EVM से ही मतदान होगा. इसके अलावे कोर्ट ने अपने फैसले में यह भी कहा कि VVPAT से शत प्रतिशत मिलान भी नहीं होगा. हालांकि वोटिंग के 45 दिनों तक EVM को सुरक्षित रखा जाएगा. चुनाव के नतीजों के बाद अगर 7 दिनों के भीतर किसी के द्वारा शिकायत की जाती है तो ऐसी स्थिति में इसकी जांच कराई जाएगी.
आपको बता दें, सुप्रीम कोर्ट ने मामले से जुड़ी सभी याचिकाएं खारिज कर दी है. जस्टिस दीपांकर दत्ता और संजीव खन्ना की बेंच ने मामले में अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि कोर्ट में दायर सभी याचिकाओं को हमने खारिज किया है. कोर्ट ने आघे कहा कि मतदान के बाद सिंबल लोडिंग यूनियों को भी सील करके सुरक्षित रख दिया जाएगा. इतना ही नहीं कोर्ट ने निर्देश देते हुए बताया कि उम्मीदवारों के पास परिणामों की घोषणा के उपरांत टेक्निकल की एक टीम की तरफ से ईवीएम के माइक्रो कंट्रोलर प्रोग्राम की जांच करने का भी विकल्प होगा. जिसे उम्मीदवार चुनाव के नतीजों के ऐलान होने के 7 दिनों के अंतर किया जाएगा.
वहीं मतदान पर्चियों की गिनती को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सिंबल लोडिंग यूनिट्स के पूर्ण होने पर कंटेनर में सील कर दिया जाएगा. कोर्ट ने कहा कि इसपर उम्मीदवारों के हस्ताक्षर होंगे. रिजल्ट (नतीजे) घोषित होने के 45 दिनों तक ईवीएम के डेटा और रिकॉर्ड को स्ट्रॉन्ग रूम में सुरक्षित रखा जाएगा. इधर, वीवीपैट वेरिफिकेशन की मांग को लेकर सभी याचिकाओं और बैलेट पेपर की मांग को लेकर दर्ज याचिका को कोर्ट ने खारिज कर दी है. कोर्ट के इस फैसले के बाद चुनाव आयोग ने अपनी प्रतिक्रिया दी है.
चुनाव आयोग से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हम सम्मान करते हैं. चुनाव कराना एक लंबी प्रक्रिया है. इसे हम पूरी ईमानदारी और गंभीरता से करते हैं. उम्मीद हैं कि सुप्रीम कोर्ट के इस अहम फैसले के बाद भारतीय नागरिकों को अब EVM मशीन को लेकर संदेह नहीं रहेगा. इसके साथ ही इस तरह के पुराने सवाल अब और नहीं पूछे जाएंगे. अब वो समय आ गया है कि अविश्वास के इस पुराने अध्याय को पूरी तरह से खत्म कर दिया जाए. हम सब मिलकर भविष्य में अधिक से अधिक सुधारवादी कदमों की उम्मीद कर सकते हैं. आगे चुनाव आयोग ने कहा कि कोर्ट के इस फैसले के बाद अब किसी को भी EVM पर शक नहीं रहना चाहिए. पुराने सवाल अब खत्म होना चाहिए. चुनाव आयोग ने कहा कि भविष्य में भी चुनाव सुधार जारी रहेगा.
सुप्रीम कोर्ट ने VVPAT पर दिए दो महत्वपूर्ण निर्देश
- सिंबल लोडिंग प्रोसेस पूरी होने के बाद SLU (सिंबल लोडिंग यूनिट) को सील किया जाना चाहिए और इसके बाद अगले 45 दिन तक सुरक्षित रखा जाना चाहिए.
- चुनाव नतीजे में दूसरे और तीसरे नंबर पर आने वाले उम्मीदवार अगर चाहें तो वह नतीजे आने के 7 दिनों के भीतर दोबारा जांच की मांग कर सकते हैं. ऐसी स्थिति में इंजीनियरों की एक टीम द्वारा माइक्रो कंट्रोलर की मेमोरी की जांच कराई जाएगी.
उम्मीदवारों को देना होगा वेरिफिकेशन के लिए खर्चा
- मामले में सुनवाई के दौरान जस्टिस खन्ना ने कहा कि उम्मीदवारों को खुद ही VVPAT वेरिफिकेशन का खर्चा उठाना पड़ेगा. अगर EVM में गड़बड़ी पाई जाती है तो ऐसी स्थिति में खर्च वापस कर दिया जाएगा.
- जबकि जस्टिस दत्ता ने कहा कि आंख मूंदकर किसी सिस्टम पर संदेह करना ठीक नहीं है. लोकतंत्र, सभी स्तंभों के बीच सद्भाव और विश्वास बनाए रखने के बारे में है. विश्वास और सहयोग की संस्कृति को बढ़ावा देकर हम अपने लोकतंत्र की आवाज को मजबूत कर सकते हैं.