न्यूज11 भारत
रांची/डेस्कः- मई के पहले सप्ताह के पहले मंगलवार को विश्व अस्थमा दिवस मनाया जाता है, इस बार 7 मई को मनाया जाएगा. सांस से जुड़ी ये बीमारी बच्चे व बड़े दोनों को समान रुप से प्रभावित करती है. विश्व स्वास्थ संगंठन की एक रिपोर्ट के अनुसार साल 2019 में दुनियाभर मे करीब 4.5 लाख लोगों की अस्थमा से मौत हो गई थी. सेहत से जुड़े इस दिन को विशेष दिन के रुप में मनाया जाता है जो हर साल ग्लोवल इनिशिएटिव फॉर अस्थमा द्वारा आयोजित की जाती है. इसे 1993 में विश्व स्वास्थ संगंठन के द्वारा समर्थन मिला था.
प्रत्येक दिन बढ़ रहे प्रदूषण व खराब लाइफस्टाइल से कम उम्र के लोग अस्थमा के ज्यादा शिकार हो रहें हैं. सांस से जुड़ी इस बीमारी को लेकर लोग सतर्क नहीं रहते यही कारण है कि इसकी जागरुकता को फैलाने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगंठन के द्वारा इस दिवस को मनाने का फैसला लिया गया. ताकि अस्थमा से पीडित लोग सही समय पर इलाज कर अपनी जान बचा सके.
इस वर्ष की थीम
इस साल 2024 की थीम अस्थमा शिक्षा सशक्तिकरण रखा गया है. यह थीम ग्लोवल इनिशिएटिव फॉर अस्थमा की ओर से रखा गया है. कुछ लोग मानते हैं कि अस्थमा छूने से भी फैलता है जो कि बिल्कुल गलत है. इस बीमारी से रोकथाम के लिए जरुरी है कि इसकी सही जानकारी लोगों तक पहुंचाया जा सके.
1998 में हुई इसकी शुरुआत
अस्थमा दिवस को मनाने की शुरुआत 1998 में हुई थी. 1998 में 35 से ज्यादा देशों ने इसे मनाया था. इसके बाद से ही हर साल कई देशों में अस्थमा रोग की रोकथाम के लिेए जागरुकता फैलाने को लेकर मनाया जाने लगा.