न्यूज11 भारत
रांची: कोरोना के तांडव से कौन वाकिफ नहीं है. कोरोना का दौर वो दौर था जब पूरी दुनिया थम का घरों में बंद हो गयी थी. आंखों के सामने अपनो को खोने की बेबसी ने बतला दिया था कि हम कितने बेबस है.
एक बार फिर झारखंड में कोनोना जैसे हालात होने की चिंता वैज्ञानिकों ने जताई है. इस बार बजह इंफ्लूएंजा के नए वेरिएंट एच3एन2 जिसे एडिनो वायरस कहते है, का प्रसार है. खबर है कि झारखंड के कुछ राज्यों में लोगों के बीमार पड़ने की दर बढ़ गयी है. जांच करने पर पता चल रहा है कि लोगों में इंफ्लूएंजा के मामले बढ़ रहे है.
साधारण फ्लू से सामान्यत: तीन दिन में राहत मिल जाती है परंतु ये वायरस साधारण फ्लू के नहीं है बल्कि इसकी पहचान एच3एन2 इंफ्लूएंजा के रूप में पुष्टि हो रही है. वहीं स्वस्थ्य विभाग कि चिंता कोरोना के बाद एच-3 एन-2 इंफ्लूएंजा (एडिनो वायरस) के बढ़ते मामले को देख का बढ़ गयी है. इन बढ़ते मामलों को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने गाइडलाइन जारी कर दी है.
बता दें स्वास्थ्य मंत्रालय के निर्देश पर अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह ने सभी डीसी व सिविल सर्जनों को इससे बचाव के लिए एहतियात बरतने का निर्देश दिया है. दिए गए आदेश में कहा गया है कि देश के कुछ हिस्सों में इंफ्लूएंजा व फेफड़ा संबंधी बीमारी में वृद्धि देखी जा रही है. चिंता की बात है कि कुछ राज्यों में इंफ्लूएंजा के मामले भी बढ़ रहे है.
एच3एन2 इंफ्लूएंजा की भी पुष्टि हो रही है. ऐसे में इंफ्लूएंजा से पीड़ित पहले से बीमार, बुजुर्ग और गर्भवती महिलाओं की विशेष देखभाल करनी है. ऐसे में इंफ्लूएंजा से पीड़ित पहले से बीमार, बुजुर्ग और गर्भवती महिलाओं की विशेष देखभाल करनी है. आगे कहा गया कि अस्पतालों में बेड व भर्ती मरीजों की देखभाल के लिए आइसोलेशन वार्ड तैयार करना होगा.
साथ ही इसके अलावा रिम्स और एमजीएम मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में भी जांच की व्यवस्था करायी जाये, जिससे समय पर रिपोर्ट उपलब्ध कराकर इलाज कराया जा सके. वहीं बात करें रिम्स की दुरुस्त व्यवस्था की तो रिम्स के पास मशीन है, पर जांच किट ही नहीं है. बता दें राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में एच3एन2 इंफ्लूएंजा की जांच के लिए मशीन तो है, लेकिन जांच किट नहीं है.
ऐसे में अगर मामला बढ़ता है, तो जांच कर रोग की पुष्टि करना बेहद मुश्किल होगा. इसके अलावे रिपोर्ट की पुष्टि नहीं होने के कारण ऐसे मरीजों को आइसोलेट कर इलाज भी समय पर नहीं मिल पायेगा. वहीं वैज्ञानिको की राय है कि एडेनो वायरस से बचाव के लिए कोरोना गाइडलाइन का पालन करें साथ ही कोविड व एडेनो वायरस की भी जांच करें.
इस दौरान खांसते व छींकते समय टिशू पेपर या रूमाल से मुंह और नाक ढकें. सोशल डिस्टेंस का पालन करें भीड़वाली जगहों पर मास्क लगायें. सार्वजनिक स्थानों पर थूकने से बचे साथ ही मौसमी बीमारी से पीड़ित हैं, तो भी भीड़वाली जगहों पर जाने से बचें.
रोग के दोरान आंख, नाक को छूने से बचें, हाथों की सफाई का विशेष ख्याल रखें. साबुन व पानी से बार-बार हाथ धोएं, लक्षणों की प्रारंभिक सूचना अवश्य दें, सांस की बीमारी से पीड़ित लोगों के संपर्क में आने से बचें, एच3एन2 इंफ्लूएंजा के लक्षण की पहचान कर जागरूक करें.