न्यूज11, भारत
रांची: झारखंड सरकार ने पान मसाला के सभी ब्रांडों के नमूनों की जांच कराई थी. जिसमें मैग्नीशियम कार्बोनेट और निकोटिन की मात्रा पाई गई थी, जो स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है. इसके बाद झारखंड में गुटखा प्रतिबंधित कर दिया गया. इसे लेकर झारखंड हाई कोर्ट ने भी आदेश दिया था कि झारखंड में पूर्णरूप से गुटखा पर प्रतिबंध लगाया जाए. राज्य सरकार द्वारा भले ही प्रदेश में गुटखा पर प्रतिबंध लगा दिया हो, लेकिन गुटखा बेचने वाले बड़े कारोबारी ओडिशा और बंगाल से बड़े खेप में गुटखा, सिगरेट आदि लाकर कारोबार कर रहे हैं. झारखंड राज्य में स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग ने 5 जून 2020 को आदेश जारी किया था. 3 जून को भी गुटखा व पान मसाला के प्रतिबंध को लेकर आदेश जारी हुआ है. जारी आदेश में पान पराग मसाला, शिखर पान मसाला, रंजनी गंधा पान मसाला, दिलरूबा पान मसाला, राज निवास पान मसाला, मुसाफिर पान मसाला, मधु पान मसाला, विमल पान मसाला, बहार पान मसाला, सेहरत ब्रांड पान मसाला और पान पराग प्रीमीयम पान मसाला को प्रतिबंधित किया गया है. इसके बाद भी रांची सहित प्रदेशभर में पान मसाला, गुटखा की बिक्री जारी है.
1000 करोड़ के ऊपर का कारोबार
आप जो गुटखा, पान मसाला, जर्दा अपने दांतों तले चबा रहे हैं वो आपके लिए तो जहर है, कई बीमारियों का कारण है, लेकिन धंधेबाजों के लिए यह 1000 करोड़ से ऊपर का कारोबार है. जानकारों का कहना है कि यह धंधा हजार करोड़ से भी ऊपर का निकल चुका है. आपको यह जहर बेचने वाले आपकी जिंदगी के साथ खिलवाड़ कर हजारों करोड़ का धंधा चला रहे हैं. आपके -हमारे साथ-साथ हमारे बाद के भी जेनरेशन तेजी से इस धंधे की बलि चढ़ते जा रहे हैं. स्कूल-कालॅजों के सामने चलने वाले राशन से लेकर पान दुकानों तक रजनीगंधा से लेकर पान बहार तक बिक रहे हैं.
पड़ोंसी राज्यों से झारखंड पहुंच रहा है प्रतिबंधित गुटखा
राजधानी सहित प्रदेशभर में तंबाकू-गुटखा व पाउच की बिक्री पर प्रतिबंध लगने के बाद भी जगह-जगह धड़ल्ले से बिक्री हो रही है. गुटखा-पाउच की बिक्री पर लगे प्रतिबंध का थोक विक्रेताओं के द्वारा धज्जियां उड़ाई जा रही है. गुटखा की बिक्री पर पूर्ण रोक लगने के बावजूद प्रशासन भी इसकी रोकथाम में कोई रुचि नहीं ले रहा है. देश के आधे से ज्यादा राज्यों में तंबाकू-गुटखा पर प्रतिबंध लगने के बाद ओडिशा सरकार तंबाकू, गुटखा की बिक्री पर 2011 में नियम लागू की थी. ग्लोबल एडल्ट तंबाकू सर्वे के मुताबिक ओडिशा में 43 प्रतिशत लोग तंबाकू सेवन करते हैं. जिससे राज्य में मुंह के कैंसर के रोगियों की संख्या बढ़ रही है. हर साल दस हजार से ज्यादा मुंह के नए कैंसर के रोगी हस्पिटल में इलाज करा रहे हैं.
दुकानदार बिना रोक-टोक किशोरों को भी बेच रहे तंबाकू
दुकानदार वयस्क ग्राहकों के साथ-साथ बिना रोक-टोक किशोरों को भी बेच रहे हैं. कानून बनने के बाद तंबाकू को दो हिस्सों में पैकेट कर बेचा जा रहा. एक पैकेट में सुपारी, कत्था और अन्य सामग्री और एक में चेतावनी के साथ जर्दा पैकेट रहता है. तंबाकू गुटखा सेवन करने वाले दोनों पैकेट को मिला कर सेवन कर रहे हैं. थोक विक्रेताओं का ठिकाना बताने के वाबजूद भी ठिकानों में कार्रवाई नहीं होना अधिकारियों का मनसा पर सवाल पैदा करता है.