शुभ योगों में करना चाहिए पितरों के लिए श्राद्ध कर्म और मंदिर में लगाना चाहिए पौधे
न्यूज11 भारत
रांची: माना जाता है कि हरियाली अमावस्या पर शिव पूजा से धन और समृद्धि आती है. भक्त भगवान शिव को समर्पित वैदिक मंत्रों का पाठ करते हैं और उनकी स्तुति में भजन गाते हैं. पूरे देश में भगवान शिव के मंदिरों में विशेष दर्शन और अनुष्ठान होते हैं. कुछ क्षेत्रों में, लोग इस दिन उपवास भी रखते हैं. इस बार 28 जुलाई को, सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग के साथ हरियाली अमावस्या हैं, इन योगों में किए गए शुभ काम जल्दी सफल होते हैं. श्रावण कृष्ण अमावस्या को हरियाली अमावस्या के रूप में मनाया जाता है. यह त्योहर सावन में प्रकृति पर आई बहार की खुशियों का जश्न है. इसका मुख्य उद्देश्य लोगों को प्रकृति के करीब लाना है. हरियाली अमावस्या प्रकृति के प्रति आभार प्रकट करने का और प्रकृति को कुछ देने का पर्व है. हरियाली अमावस्या पर पितरों के लिए श्राद्ध कर्म करने और किसी सार्वजनिक स्थान पर या किसी मंदिर में पीपल, नीम, बिल्व, आंवला, आम या किसी और वृक्ष का पौधा लगाने का संकल्प करना चाहिए .चंद्रमा 28 दिनों में पृथ्वी का एक चक्कर पूर्ण करता है. 15 दिनों के बाद चंद्रमा पृथ्वी की दूसरी ओर होता है और भारतवर्ष से उसको नहीं देखा जा सकता है. जब चंद्रमा पुर्ण रूप से भारतवर्ष में नहीं देखा जा सकता है तो उस दिन को अमावस्या का दिन कहा जाता है. अमावस्या के दौरान किसी भी तरह के मांसाहारी व्यंजन का सेवन नही करना चाहिए , कुंडली पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है.
पवित्र नदी में स्नान करने की है परंपरा
अमावस्या पर नदी स्नान और तीर्थ दर्शन करने का विशेष महत्व है. कई बार कई कारणों से नदियों में हम स्न्नान यदि नही कर पाते है तो घर पर पानी में थोड़ा सा गंगाजल मिलाकर स्नान किया जा सकता है. स्नान करते समय सभी तीर्थों का और पवित्र नदियों का ध्यान करना चाहिए.
ये शुभ काम गुरुवार और अमावस्या के योग में किया जाता है
गुरुवार और अमावस्या के योग में गुरु ग्रह के लिए भी विशेष पूजा की जाती है गुरु ग्रह की पूजा शिवलिंग के रूप में की जाती है. इसलिए अमावस्या के दिन किसी मंदिर में शिवलिंग पर चने की दाल चढ़ाया जाता है. दीपक जला कर बेसन के लड्डू का भोग भी लगाया जाता है. गुरुवार को भगवान विष्णु की पूजा भी खासतौर पर की जाती है. इस दिन भगवान विष्णु का अभिषेक केसर मिश्रित दूध से करना चाहिए. किसी विष्णु मंदिर में पीपल का पौधा लगाना चाहिए. अगर कुंडली में पितृ दोष है तो किसी पीपल के पास दीपक जला कर शिवलिंग पर जल चढ़ाएं और ऊँ नम: शिवाय मंत्र का जप करें. हरियाली अमावस्या पर अपने पितरों के नाम से किसी वृक्ष का पौधा जरूर लगाएं.