न्यूज11 भारत
रांची: अमरनाथ यात्रा बालटाल और नुनवन बेस कैंप दोनों मार्गों से जारी है. इससे पहले भारी बारिश की वजह से अमरनाथ यात्रा को एक बार फिर रोकने कि खबर आ रही थी. कहा जा रहा था की जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग बंद होने के कारण तीर्थयात्रियों का जत्था वापस जम्मू भेज दिया गया है. लेकिन अब खबर आ रही है की अब बालटाल से 1500 यात्री, नुनवन बेस कैंप से 2000 यात्री गुफा की ओर रवाना हो गए हैं. अधिकारियों के मुताबिक, अभी बादल छाए हुए हैं और दोनों मार्गों पर हल्की बारिश हो रही है. अगर बारिश तेज हुई तो यात्रियों को सुरक्षित जगहों पर रोका जाएगा. वहीं श्रीनगर जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग पर भी बारिश हो रही है. शूटिंग स्टोन्स और भूस्खलन के चलते इसको बंद कर दिया गया है. 43 दिन की अमरनाथ यात्रा 30 जून को शुरू हुई थी और 11 अगस्त को रक्षाबंधन के दिन खत्म होगी.
बादल फटने से हुई थी श्रद्धालुओं की मौत
कुछ दिन ही पहले अमरनाथ गुफा के पास बादल फटने की वजह से यात्रा रोक दी गई थी, जिसके बाद यात्रा 11 जुलाई को पहलगाम के नुनवान आधार शिविर से फिर से शुरू हुई थी. गुफा के पास बादल फटने के बाद बालटाल में आई बाढ़ में कई लोगों की मौत हुई थी.
बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए जम्मू पहुंच रहे श्रद्धालु
भारी संख्या में श्रद्धालु गुफा मंदिर में दर्शन करने के लिए जम्मू पहुंचे हैं. जम्मू में आधार शिविर के अलावा पंजीकरण काउंटर, टोकन सेंटर और लॉजिंग सेंटर पर भारी भीड़ देखी जा रही है. अधिकारियों के अनुसार भारी बारिश के कारण आई अचानक बाढ़ भी जम्मू में धार्मिक उत्साह और भक्तों के मूड को नही बदल पाई . बड़े उत्साह के साथ सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु आ रहे हैं. श्रद्धालुओं की संख्या में कोई कमी नहीं आई है.
डटे हुए है आईटीबीपी के जवान
आईटीबीपी के जवान जरूरतमंदों की भरपूर मदद कर रहे हैं. इस यात्रा में काफी खतरे होते है लेकिन आस्था और श्रद्धा के आगे लोग जान की परवाह भी नही करते हैं. अमरनाथ यात्रा मार्ग पर शेषनाग के पास तीर्थयात्रियों को आईटीबीपी के जवान ऑक्सीजन देते हैं . अब तक आईटीबीपी के जवानों ने अमरनाथ यात्रा के बाद से अब तक 2 हजार से ज्यादा तीर्थयात्रियों को ऑक्सीजन दी है.
सुरक्षाबल अलर्ट
इस यात्रा की सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम किए जाते हैं . आतंकी खतरे को देखते हुए जवान यहां पूरा तरह से मुस्तैद हैं. यात्रियों की सुरक्षा में सीआरपीएफ के बाइक स्क्वॉड कमांडो को लगाया गया है. गौरतलब है कि अमरनाथ यात्रा में रुकावट डालने के लिए आतंकी संगठन लश्कर पहले ही धमकी दे चुका है. ऐसे में सुरक्षाबल पूरी तरह अलर्ट हैं. वो हर संभव कोशिश कर रहें है की यात्रा पर आने वाले यात्रियों को कोई भी परेशानी न हो
अमरनाथ यात्रा कि महत्ता
पौराणिक कथा के अनुसार अमरनाथ गुफा; यात्रा का मुख्य पर्यटक आकर्षण- समुद्र तल से 3,888 मीटर ऊपर स्थित भगवान शंकर द्वारा चुना गया था जब उन्होंने पार्वती को अपनी अमर कथा (अमरता) का रहस्य बताने का फैसला किया था . इस पवित्र गुफा में भगवान शंकर ने भगवती पार्वती को मोक्ष का मार्ग दिखाया था. इस तत्वज्ञान को 'अमरकथा' के नाम से जाना जाता है इसीलिए इस स्थान का नाम 'अमरनाथ' पड़ा. खा जाता है की रक्षा बंधन की पूर्णिमा के दिन भगवान शंकर स्वयं श्री अमरनाथ गुफा में पधारते हैं. रक्षा बंधन की पूर्णिमा के दिन ही छड़ी मुबारक भी गुफा में बने हिम शिवलिंग के पास स्थापित कर दी जाती है. ऐसी मान्यता है कि अमरनाथ गुफा के अंदर हिम शिवलिंग के दर्शन मात्र से ही मनुष्य को 23 पवित्र तीर्थ स्थलों के बराबर पुण्य की प्राप्ति होती है .