न्यूज 11 भारत
रांचीः भीषण और उमस भरी गर्मी में पावर कट अब लोगों के लिए नीम पर करेला साबित होने लगा है. स्थिति इतनी अधिक खराब हो गयी है कि इस भीषण गर्मी में लोग खुली आंखों से रात काटने को विवश हो गए हैं. पावर कट ने लोगों की रातों का नींद हराम कर दिया है. सबसे अधिक मुसिबत महिलाओं और बच्चों को उठाना पड़ रहा है. स्कूल का समय सुबह 6 बजे हो जाने के कारण सुबह 5 बजे उठकर तैयारी करना पड़ता है. ऐसे में जब रात को नींद पर आफत बन आए, वह भी एक-दो दिन या रेयर नहीं, बल्कि यह स्थिति विगत एक सप्ताह से बनी हो तो हालात को आसानी से समझा जा सकता है. रात को दस बजते ही पावर कट का सिलसिला शुरू हो जा रहा है. जैसे ही लोग सोने बिस्तर पर जाते है पावर कट का सिलसिला शुरू हो जा जाता है. रात को अधिकांश इंजीनियर फोन नहीं उठा रहे हैं. किसी तरह सबसस्टेशन से संपर्क साधने पर साफ तौर कहा जा रहा है कि पावर कम मिल रहा है, इसलिए एक-एक घंटे की शेडिंग करनी पड़ रही है.
शेडिंग के अलावे कोई उपाय नहीं- सबस्टेशन
बीती रात राजभवन सबस्टेशन के सभी फीडर, मधुकम, पहाड़ी, रातू रोड, गांधी नगर आदि तमाम फीडरों से रात 11 बजे के बाद एक-एक घंटे का शेडिंग हुआ. यह सिलसिला पूरी रात से लेकर सुबह तक जारी रही. यही हाल हरमू, किशोरगंज इलाके का भी रहा. डोरंडा और हीनू क्षेत्र में शेडिंग हुई. मोरहाबादी इलाके में भी रात भर पावर कट से लोग परेशान रहे. यह न केवल कुछ मुहल्ले या क्षेत्र की बातें है, यह स्थिति पूरी रांची की रह रही है. रांची जीएम पीके श्रीवास्तव ने दो दिन पूर्व कहा था कि रांची को फुल लोड बिजली मिल रही है. 95 प्रतिशत स्थिति नियंत्रित कर ली गयी है. रांची में कोई दिक्कत नहीं है. मगर चाहे जीएम या फिर कार्यपालक अभियंता कोई भी रात 11 बजे के बाद शहर का हाल जानने की जहमत नहीं उठाते हैं कि आखिरकार रात को स्थिति क्या है.
दिन को एवरेज सप्लाई ठीक, रात को ही क्यों आ रही है समस्या
अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि दिन को बिजली एवरेज ठीक रह रही है. मगर रात होते ही आखिरकार रांची में क्या समस्या हो रही है. जबकि दिन को बाजार, औद्योगिक इकाई, ऑफिस-दफ्तर खुले रहते हैं. बिजली खपत अधिक बढ़ जाती है. मगर रात में ये सब बंद हो जाते हैं. इसके बाद रात 10 बजे के बाद आखिकार समस्या क्यों उत्पन्न हो रही है. इसको लेकर जब जीएम रांची पीके श्रीवास्तव से बात की गयी तो उन्होंने कहा कि वितरण वाले को भी समझ नहीं आ रहा है, क्या रात को इतना संकट क्यों उत्पन्न हो जा रहा है. आज वे खुद ट्रांसमिशन और एसएलडीसी के अफसरों से बातचीत करके इसका कोई हल निकालने का प्रयास करेंगे.