न्यूज 11, भारत
रांची: घने कोहरे पर विमानों की सुरक्षित लैंडिंग वाले एयरपोर्ट की सूची में अब रांची का बिरसा मुंडा एयरपोर्ट भी शामिल हो जायेगा. घने कोहरे की वजह से दिल्ली, चेन्नई, हैदराबाद, कोलकाता, पटना से रांची आनेवाले विमानों को अभी पटना, कोलकाता अथवा रायपुर एयरपोर्ट के लिए डायवर्ट किया जाता रहा है. अब बिरसा मुंडा एयरपोर्ट के अंतिम छोर पर रनवे कैट टू एप्रोच प्रणाली पर आधारित विशेष लाइटिंग सुविधा स्थापित की जायेगी.
यह प्रणाली इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम (आइएलएस) का एडवांस वर्सन है. चंडिगढ़ अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर आइएलएस का कैट-3 सिस्टम लगा है. नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) से इस सिस्टम के लिए रांची एयरपोर्ट के निदेशक केएल अग्रवाल ने अनुमति मांगी है. 18 करोड़ की लागतवाले लाइटिंग प्रणाली को लेकर निविदा भी आमंत्रित की जा चुकी है.
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एयरपोर्ट प्राधिकरण की ओर से रनवे को अपग्रेड करने की योजना भी बनायी गयी है. इससे अब रनवे पर बिजिबिलिटी कम होने पर भी डोमेस्टिक सेक्टरों में उड़ान भरनेवाले विमानों को सुरक्षित लैंड कराया जा सकेगा. रांची एयरपोर्ट का मुख्य रनवे 2.5 किलोमीटर लंबा है. नयी विधी के स्थापित होने पर कोहरे व धुंध में 850 मीटर विजिबलिटी पर भी विमान लैंडिंग व उड़ान भर सकेंगे. जानकारी के अनुसार बिरसा मुंडा अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम (आइएलएस) लगा हुआ है.
जिससे सामान्य बिजिबिलिटी 13 सौ मीटर होने पर ही एयर ट्रैफिक कंट्रोल टावर की ओर से विमानों को उतरने की अनुमति दी जाती है. देश भर में जयपुर, अमृतसर, दिल्ली, कोलकाता, लखनऊ, भोपाल एयरपोर्ट पर यह लैंडिंग सिस्टम लागू है. अब इस सूची में रांची भी शामिल हो जायेगा.