रांची: आदिवासी (अनुसूचित जनजाति) के लिए अब एक ही बार जाति प्रमाण पत्र बनेगा. जो आजीवन मान्य होगा. इस प्रस्ताव को टीएसी बैठक में मंजूरी दे दी गयी. बहुत दिनों से आदिवासी समाज द्वारा इसकी मांग की जा रही थी. ट्राइबल यूनर्विसिटी जमशेदपुर में बनेगा. इस प्रस्ताव को टीएसी ने मंजूरी प्रदान कर दी है. इसके साथ ही बैठक में सरना धर्म कोड को लेकर निर्णय हुआ कि इस प्रस्ताव को राज्यपाल के माध्यम से केंद्र सरकार को भेजा जाएगा. बतातें चलें कि पिछले साल यह प्रस्ताव विधानसभा से पारित हुआ था, मगर इसे राज्यपाल के माध्यम से नहीं भेजा गया था. इसको लेकर मुख्यमंत्री एवं टीएसी सदस्यों के साथ राष्ट्रपति से मिलने का निर्णय हुआ. मुख्यमंत्री सह टीएसी अध्यक्ष हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में हुई बैठक में कई प्रस्ताव पर मंजूरी प्रदान की गयी.
टीएसी के अहम फैसले
- सीएम की अध्यक्षता में हुई टीएसी की बैठक
- सरना धर्मकोड पर केंद्र को राज्यपाल के माध्यम से प्रस्ताव भेजने की बात
- सरना धर्मकोड को लेकर टीएसी के सदस्य अध्यक्ष सीएम हेमंत की अगुवाई में राष्ट्रपति से मिलेंगे
- जनजातीय समाज के लोगों को अब एक ही बार जाति प्रमाण पत्र बनवाना होगा
- जनजातीय समाज की जमीनों से जुड़े मामलों को लेकर उपसमिति का गठन
- जमशेदपुर में ट्राइबल यूनिवर्सिटी बनेगी
- आंदोनकारियों के आश्रितों को नौकरी दी जाएगी
- उद्योगों में आदिवासियों को मौके देने पर चर्चा हुई
- वर्षों से जेल में बंद आदिवासियों के मामले में जांच होगी
- सजा पूरी करने के बाद भी जेल में या गलत केस में फंसने वालों की समीक्षा होगी
- जनजाति भाषाओं में प्राइमरी स्तर पर शिक्षक बहाल कर पढ़ाई होगी
- जनजाति धर्मस्थलों को चिन्हित कर सुरक्षा देने पर सहमति
- आदिवासी मानव तस्करी पर कानून बनाने की सहमति बनी
वर्षों से जेल में बंद आदिवासी मामलों की होगी जांच, जमीन मसले को लेकर बनी उपसमिति
बैठक में आदिवासी के जमीन से जुड़े मसले पर एक उपसमिति का गठन किया गया. जिसमें विधायक स्टीफन मरांडी, बंधु तिर्की, दीपक बिरूआ को सदस्य बनाया गया है. बैठक में वर्षोँ से जेल में बंद आदिवासियों के मामले की जांच होगी. सजा काटने के बाद भी जेल में वे रहें. या फिर कोई गलत केस में फंसे हों, इन मामलों की समीक्षा की जाएगी. आदिवासियों के मानव तस्करी पर चर्चा करते हुए इस कानून बनाने का निर्णय लिया गया. बैठक में जनजातीय भाषाओं के पढ़ाई के लिए प्राइमरी स्तर पर शिक्षक बहाल करने का निर्णय हुआ. जनजातीय समाज के धार्मिक स्थल को चिन्हित किया जाएगा. जनजातियों के आर्थिक, सामाजिक एवं शैक्षणिक शिक्षा के उत्थान पर जोर देने का निर्णय लिया गया. बैठक में भाजपा विधायकों के शामिल नहीं होने पर नाराजगी जाहिर की गयी. बैठक में टीएसी उपाध्यक्ष सह आदिवासी कल्याण मंत्री चंपई सोरेन, विधायक सह टीएसी सदस्य स्टीफन मरांडी, विक्सल कोंगाड़ी, सोनाराम सिंकू, चमरा लिंडा,सीता सोरेन, सुखराम उरांव, राजेश कच्छप, दशरथ गगराइ, बंधु तिर्की, भूषण तिर्की, दीपक बिरूआ, मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, कल्याण सचिव केके सोन आदि शामिल हुए.