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रांची: सदन में कटौती प्रस्ताव पेश करते हुए भाजपा के रांची विधायक सीपी सिंह ने भ्रष्टाचार के मुद्दे पर कहा कि राज्य में दिसंबर 2021 से लेकर 2022 तक के सिर्फ अपराध के आंकड़ों को देखेंगे, तो पता चल जाएगा झारखंड में विधि व्यवस्था का क्या हाल है. इसके बाद उन्होने पुलिस व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि हमारी पुलिस चौक चौराहे पर गाड़ी चलाने वाले लोगों की चाबी छीनने में लगी तहती है. तो वहीं सिटी पेट्रोलिंग में लगे पुलिसकर्मी रात को मिट्टी और बालू की गाड़ी से पैसा वसूलने में लगे हैं.
अब ऐसी स्थिति में अपराध नहीं बढ़ेगा तो क्या घटेगा. आगे उन्होंने अपने वक्तव्य में कहा कि यह सरकार युवा विरोधी, किसान विरोधी और महिला विरोधी है. वहीं सीपी सिंह ने कहा कि यह सरकार धर्मांतरण कराने वाली, गौ हत्या कराने वाली सरकार है. अब इस सरकार से कोई उम्मीद नहीं है. भ्रष्टाचार के मुद्दे पर सीपी सिंह ने कहा कि भवन निर्माण विभाग रांची में कार्यपालक अभियंता 46% तक घूस लेते हैं और यह घूस नीचे से लेकर ऊपर तक पहुंचता है.
इसके बाद उन्होने आगे कहा कि ऐसा नहीं है कि यह सिस्टम वर्तमान सरकार की है या वर्तमान सरकार की देन है. मगर इतना जरूर कहा जा सकता है कि वर्तमान सरकार भ्रष्टाचार को रोक लगाने में पूरी तरह विफल रही है. शहीद सूबेदार नागेश्वर महतो के मामले पर कहा कि शहीद सूबेदार नागेश्वर महतो बाहरी नहीं बल्कि भीतरी हैं, उनके परिजनों ने राजा डेरा अनगड़ा में 3 डिसमिल जमीन ली.
इसके बाद जमीन के मोटेशन के बाद रजिस्ट्री भी हो गयी और रसीद भी कट गया. लेकि बेखौफ बदमाशों कि हिम्मत देखिए इस जमीन में किसी ने कब्जा कर लिया.इतना संगीन मामला मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन तक पहुंचा मगर कोई कार्रवाई नहीं हुई. अपनी जमीन से बेदखल आज उनका परिवार दर-दर की ठोकरें खा रहा है.
बेरोजगारी पर बोलते हुए सीपी सिंह ने कहा कि यह सरकार युवा विरोधी इसलिए है क्योंकि हमारे राज्य के युवा नौकरी के लिए दर-दर भटक रहे हैं, मगर यह सरकार अभी तक नियोजन और स्थानीय नीति तय नहीं कर पाई है. वही सिंह ने कहा कि इसलिए सरकार को चालू सत्र में ही नियोजन और स्थानीय नीति पर अपना स्पष्टीकरण रखना चाहिए. आगे हेमंत पर हमलावर हुए रांची विधायक ने कहा कि मुख्यमंत्री को सदन में सरकार का पक्ष रखना चाहिए कि कौन सा नियोजन नीति और कौन सा स्थानीय नीति राज्य में लाया जाएगा या लागू है.