राजधानी रांची में मिलने लगे हैं रोजाना चार-पांच नये कोरोना केस
न्यूज11 भारत
रांची: राजधानी रांची समेत देश भर में 14 अप्रैल से बैंड बाजा और बाराती की धूम फिर से मचनी शुरू हो गयी है. कोरोना गाइडलाइंस के तहत राजधानी रांची में 500 से अधिक लोग विवाह और इससे जुड़ी पार्टियों में शामिल हो रहे हैं. साथ ही मांगलिक कार्य जैसे शादी, विवाह, यज्ञोपवीत संस्कार आदि कार्य भी होने शुरू हो गये हैं. बैंक्वेट हॉल, होटलों और अन्य सामुदायिक भवनों में विवाहोत्सव का तामझाम कम नहीं है. वर और वधु पक्ष के यहां भी शहनाईयों से लेकर मांदर की ताल पर लोग नृत्य कर रहे हैं. विवाहोत्सव में पूरी तरह मशगुल हैं. वहीं रीसेप्शन के दौरान स्वजनों के लिए आयोजित स्वरूची भोज में भी लोगों की बेतहाशा भीड़ (लिमिटेड संख्या होने पर भी) उमड़ रही है. इन तमाम चीजों में एक चीज गायब है, जिसका जक्रि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने पीएम मन की बात और अन्य मंचों पर लगातार करते रहे हैं, वह है दो गज की दूरी और मास्क है जरूरी. मास्क और दो गज की दूरी पार्टियों में गायब हो गयी है. वर-वधु को गिफ्ट देने से लेकर जयमाला तक की रस्म, पैर पूजी, द्वार पूजा में जो भीड़ दिख रही है, वह फिलहाल तो अच्छी लग रही है. पर कोरोना संक्रमण देश भर में फिर शुरू हो गया है. राजधानी रांची में भी रोजाना चौथी लहर के पहले चार से पांच केस मिलने लगे हैं. पूरे झारखंड में 28 केस मिले हैं, इसमें से एक की मौत हो गयी है.
अप्रैल माह में 28 अप्रैल तक लगन है. इसके बाद दो मई 31 मई तक 16 दिन लगन का मुहूर्त है. जून में 15 तिथियां एक जून से 27 जून तक निर्धारित हैं. यानी अब से लेकर तीन महीने तक शादी-विवाह की शहनाई बजेगी और परिजनों और स्वजनों की भीड़ विवाहोत्सव में दिखेगा. दो साल बाद कोरोना को लेकर पाबंदियों में जो छूट दी गयी है, लोग उसे पूरी तरह भुना रहे हैं. शादी-विवाह की रस्मों को लेकर राजधानी के अधिकतर होटलों, मैरेज बैंक्वेट हॉल बुक हैं. यानी कोरोना 2020 और कोरोना-2021 की पाबंदियों के बाद कोरोना-2022 में लोगों में नया उत्साह दिख रहा है. हालांकि सरकार की ओर से कोरोना के पहले और दूसरे डोज को लेकर भी सर्तकता बरती जा रही है. अब 15 से 18 वर्ष तक की आयु के बच्चों को भी डोज मिल रहा है. 18 प्लस वालों के लिए निजी अस्पतालों में 700 रुपये के भुगतान पर बूस्टर डोज उपलब्ध है. फिर भी दो वर्षों के कोरोना के खौफ को देखते हुए अत्यधिक सतर्कता बरतने की आवश्यकता है. इधर शादी विवाह को लेकर वर-वधू के स्वजन द्वारा कैटरर्स, वाहन, विवाह भवन की बुकिंग की जा चुकी है। वहीं ट्रेनों में भी लगन और गर्मी छुटटी के वजह से टिकट उपलब्ध नहीं है.