शराब घोटाले के साक्ष्यों को नष्ट करने की साजिश एवं उससे होने वाले संभावित राजस्व नुकसान के संबंध में CM को लिखा पत्र
न्यूज़11 भारत
रांची/डेस्क: भाजपा प्रदेश अध्यक्ष व नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने उत्पाद विभाग से एसीबी द्वारा संचिकाओं की जब्ती, शराब घोटाले के साक्ष्यों को नष्ट करने की साजिश एवं उससे होने वाले संभावित राजस्व नुकसान के संबंध में मुख्यमंत्री हेमांत सोरेन को पत्र लिखा है. अपने पत्र में बाबूलाल मरांडी ने कहा कि उपरोक्त विषयक के संदर्भ में आपको अवगत कराना है कि मंगलवार की रात यह सूचना प्राप्त हुई कि उत्पाद विभाग कार्यालय से भारी मात्रा में कागजात रात के अंधेरे में एसीबी (भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो) द्वारा ले जाए गए. यह कोई सामान्य प्रशासनिक अथवा विधिक प्रक्रिया का हिस्सा नहीं था, बल्कि पूरी तरह गुप्त और संदिग्ध परिस्थितियों में अंजाम दिया गया. चिंताजनक तथ्य यह है कि यह कार्रवाई वर्तमान में अवैध रूप से पद पर आसीन पुलिस महानिदेशक (DGP) की प्रत्यक्ष देखरेख एवं हस्तक्षेप में की गई.
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि इस घटना से अनेक गंभीर प्रश्न खड़े होते हैं:-
1. आखिरकार एक ट्रक कागजात भरकर आधी रात को ही क्यों हटाए गए ?
2. क्या उत्पाद विभाग एवं एसीबी के भीतर किसी बड़े भ्रष्टाचार के खेल की तैयारी चल रही है ?
3. क्या यह कार्रवाई कुछ चुनिंदा अधिकारियों एवं राजनीतिक सरगनाओं को बचाने के उद्देश्य से की गई है ?
बाबूलाल मरांडी ने आगे कहा कि हमारी जानकारी के अनुसार यह कदम सीधे-सीधे महत्वपूर्ण साक्ष्यों को नष्ट करने एवं आगामी समय में संभावित ईडी/सीबीआई जांच से पूर्व भ्रष्टाचार और घोटालों के सबूत मिटाने का प्रयास प्रतीत होता है. यह न केवल संवैधानिक दायित्वों का उल्लंघन है, बल्कि राज्य की जनता के हितों एवं राजस्व सुरक्षा पर सीधा आघात है.
अखबारों में यह भी प्रकाशित हुआ है कि पूर्व में भी एसीबी कुछ फाइलें उठा ले गई थी, जिसके चलते वर्तमान में शराब दुकानों के अगले आवंटन में कठिनाइयाँ उत्पन्न हो रही हैं जिसकी वजह से राजस्व हानि संभावित है. ऐसे में यह संदेह और गहरा हो जाता है कि शराब घोटाले से संबंधित ऐसे महत्वपूर्ण संचिकाओं एवं दस्तावेजों को जानबूझकर नष्ट करने की कोशिश की जा रही है जिससे चुनिंदा शराब माफियाओं, अफ़सरों एवं इसमें शामिल सत्ताधारियों को भविष्य में बचाया जा सके.
बाबूलाल मरांडी ने अपने पत्र में आगे लिखा कि यह आपकी संवैधानिक जिम्मेदारी है कि राज्य की जनता के हितों की रक्षा करें और यह सुनिश्चित करें कि किसी भी प्रकार से साक्ष्य नष्ट न हों. जनता यह जानने की हकदार है कि किसके इशारे पर यह सब हो रहा है और किन्हें बचाने की कोशिश की जा रही है. इतिहास गवाह है कि चाहे अपराधी कितना भी चालाक क्यों न हो, अंततः कोई न कोई सुराग अवश्य छोड़ जाता है. यही सुराग एक दिन पूरे भ्रष्टाचार के खेल को बेनकाब करेंगे. आशा है कि आप इस गंभीर मामले में त्वरित एवं निष्पक्ष कार्रवाई करेंगे.