अमित दत्ता/न्यूज़11 भारत
रांची/डेस्क:-खूँटी लोकसभा तथा तमाड़ विधानसभा क्षेत्र के अड़की प्रखंड क्षेत्र के सारगया पंचायत अंतर्गत बेड़ाडीह गाँव जहां आज भी लोग मूल भूत सुविधाओं की बाट जोह रहे हैं. देश तो आजाद हुए 76 वर्ष बीत गए लेकिन बेड़ाडीह गाँव के ग्रामीण आज भी आजादी की बाट जोह रहे हैं और यह बात जायज भी है. बीते पाँच पीढ़ियों से आदिवासी समुदाय इस गाँव में गुजर बसर कर रहे हैं लेकिन आजादी मिलने के उपरांत भी इस गाँव की दशा और हालत जस की तस बनी हुई है.
इस गाँव में आज तक कोई भी सरकारी कर्मी नहीं पहुँचे हैं और ना ही सरकार की कोई योजना पहुंची है. गाँव में एक विद्यालय है जहाँ लगभग 27 छात्र पढ़ाई करते हैं शिक्षक मात्र दो है वह भी गाँव के ही है जिसे पारा टीचर के रूप में शामिल किया गया है. गाँव में ना तो बिजली पहुंची है और न ही प्रधानमंत्री आवास या फिर कहा जाए इंदिरा आवास.विडम्बना ऐसी है कि प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत एक सड़क बनी उसे भी अधूरा छोड़ दिया गया सड़क तो बनाया गया लेकिन नाली का कार्य नहीं किया गया परिणाम यह हुआ कि बरसात के पानी की बहाव में सड़क भी बह गयी. वहीँ इसकी मरम्मती के लिए प्रत्येक वर्ष राशि खर्च करने की बात योजना में की गई लेकिन कोई भी राशि मरम्मती कार्य में खर्च नहीं की जा सकी. ग्रामीण जल की व्यवस्था के लिए दाढ़ी जाते हैं जहां गर्मियों के मौसम में पानी की किल्लत बढ़ जाती है. पानी की व्यवस्था करने के लिए सुबह से शाम तक इंतजार करना पड़ता है तब कहीं दाढ़ी में पानी भरता तब कहीं महिला परिवार को पानी पिला पाती है.
गांव के युवकों के कहना है कि वह इस गांव की समस्या के लिए स्थानीय विधायक तथा संसद के पास कई बार जाकर अपनी दुखड़ा सुना चुके हैं यहां तक की लोकसभा चुनाव के 2019 में वह बीजेपी के उम्मीदवार को के द्वारा 6 माह में बिजली के पहुंचने की वादा किए थे लेकिन 2024 हो जाने के बाद भी गांव में बिजली नहीं पहुंच सकी है वही युवकों का कहना है कि तमाम विधायक के पास कई बार जा चुके हैं वह हमेशा बिजली पहुंचाने की बात कह कर आश्वासन देकर भेज देते हैं कई बार मुखिया से भी समाधान करने की बात की गई है परंतु मुखिया के द्वारा भी कोई भी कार्य इस गांव के लिए नहीं किया गया इस गांव की समस्या के विषय पर सर गया मुखिया जयंती देवी के पास पहुंचने पर मुखिया ने कहा कि सड़क की दुर्दशा के कारण सरकारी योजना नहीं पहुंच पाया है वहीं बिजली की विषय पर कहा कि सर्वे हुई थी पर कहाँ अटक गया वह नहीं जानती है. बहरहाल इस क्षेत्र की संसद अर्जुन मुंडा है तथा विधायक विकास कुमार मुंडा अब यहां की जनता कब तक सरकारी योजनाओं से मरहूम रहती है यह पता नहीं लेकिन जिस सरकार की व्याख्या करते नेता थकते नहीं है उन्हीं के क्षेत्र की जनता की यह हालत एक गंभीर विषय है.