न्यूज़11 भारत
25 जून का दिन भारत के इतिहास में कई मायनों से याद रखा जाता है. जहां एक ओर आज ही के दिन वर्ष 1975 इंदिरा गांधी के इशारे पर तत्कालीन राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद ने भारत में आपातकाल लागू करने का ऐलान किया था. वहीं, दूसरा दिन भारत का स्वर्णिम इतिहास लिखने में लाभकारी साबित हुआ. भारत में क्रिकेट का क्रेज किसी से छिपा हुआ नहीं है. जब कभी भी देश में क्रिकेट की बात होती है तो हर किसी को 1983 और 2011 की याद जरुर आती है. विश्व भर में भारतीय क्रिकेट का डंका इन दोनों साल में बजा था अगर यह कहा जायें तो शायद गलत ना हो. 2 अप्रैल 2011 को भारत ने महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में विश्व कप को दूसरी बार अपने नाम किया. पर क्या आपको याद है कि भारत ने क्रिकेट वर्ल्ड कप पहली बार किस तारीख को अपने नाम किया था. 25 जून, 1983 का दिन भारतीय क्रिकेट के लिए एक परिवर्तन का दिन था. एक ऊर्जा, नई सोच का दिन था जब विश्व की उस वक़्त की सर्वश्रेष्ठ टीमों में से एक वेस्ट इंडीज की टीम को भारत ने वर्ल्ड कप फाइनल में हराकर पहली बार विश्वकप अपने नाम किया था और यह कारनामा हुआ था कपिल देव के नेतृत्व में. 25 जून 1983 को पूर्व क्रिकेटर भारतीय क्रिकेट टीम ने इंग्लैंड की राजधानी लंदन स्थित लॉर्ड्स के मैदान में वेस्टइंडीज की सभी उम्मीदों पर पानी फेरते हुए इतिहास रचते हुए विश्व कप का पहला खिताब अपने नाम किया.
25 जून को खेले गए फाइनल मुकाबले में भारतीय टीम पहले बल्लेबाजी करते हुए 183 रनों पर ही ढेर हो गई. वेस्टइंडीज की धाकड़ बल्लेबाजी के सामने गेंदबाज पहले ही हार मान चुके थे, मगर कपिल देव ने खिलाड़ियों में जोश जगाकर जीत की ओर बढ़ने का रास्ता दिखाया और फिर वो हुआ जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी. भारत ने वेस्टइंडीज को फाइनल में 140 रनों पर ढेर कर खिताब अपने नाम किया. 1983 का यह पल आज भी क्रिकेट प्रेमियों के रौंगटे खड़े कर देता है.