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झारखंड में लागू होगा पुरानी पेंशन स्कीम, अगले कैबिनेट में मिलेगी हरी झंडी

एक लाख से ज्यादा राज्यकर्मियों को होगा लाभ, 17 हजार करोड़ का पड़ेगा बोझ
झारखंड में लागू होगा पुरानी पेंशन स्कीम, अगले कैबिनेट में मिलेगी हरी झंडी
न्यूज11 भारत




रांची: झारखंड में जल्द पुरानी पेंशन स्कीम फिर से लागू होगा. जिसका लाभ एक लाख से ज्यादा राज्यकर्मियों को होगा. पुरानी पेंशन स्कीम लागू होने से राजकोष पर एक वित्तीय वर्ष में तकरीबन 17 हजार करोड़ का आर्थिक बोझ पड़ेगा. संभावना है कि झारखंड सरकार के अगले कैबिनेट में पुरानी पेंशन स्कीम को फिर से लागू करने की हरी झंडी मिल जाए. 21 जून को संपन्न कैबिनेट की बैठक में पुरानी पेंशन स्कीम को लागू करने का प्रस्ताव आया था, मगर कुछ तकनीकी खामियों की वजह से प्रस्ताव को वापस लौटा दिया गया. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश के बाद पुरानी पेंशन स्कीम के प्रस्ताव के सभी खामियों, त्रुटियों को दूर करने की कार्रवाई चल रही है. वित्त विभाग ने राज्य में नई की जगह पुरानी पेंशन योजना बहाल करने की स्थिति में लाभ और हानि का आंकलन कर लिया है. अगली कैबिनेट की बैठक में पुरानी पेंशन स्कीम लागू करने का प्रस्ताव फिर से आएगा, इसकी तैयारी अंतिम चरण में है. 

 


 

राज्यकर्मियों के प्रतिनिधिमंडल ने पिछले दिनों मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात करके एक जनवरी 2004 के बाद नियुक्त राज्यकर्मियों को भी पुरानी पेंशन का लाभ देने की मांग की थी. झारखंड मुक्ति मोर्चा के चुनावी संकल्प पत्र में भी पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल करने की बात है. झारखंड में वर्ष दिसंबर 2004 से अंशदायी पेंशन योजना लागू है. वर्ष 2004 से बहाल हुए नियमित सरकारी कर्मचारी व अधिकारी अंशदायी पेंशन के तहत हैं. पहले के बहाल लोग ही पुरानी पेंशन स्कीम के दायरे में हैं. राज्य में इस समय करीब 1 लाख 95 हजार स्थाई कर्मचारी अधिकारी हैं. इसमें 1 लाख 25 हजार नई पेंशन स्कीम के दायरे के लोग हैं, जो 2004 में लागू अंशदायी नई पेंशन स्कीम के बाद बहाल हुए हैं. जिन्हें पुरानी पेंशन योजना का सीधा लाभ मिलेगा. इसके अलावा अब भविष्य में जो भी बहाल होंगे, उन्हें भी इसका लाभ होगा. इस समय करीब 70 हजार स्थाई राज्यकर्मी ही पुरानी पेंशन स्कीम के तहत हैं.
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