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सिमडेगा/डेस्क:-सिमडेगा के जलडेगा प्रखंड के पतिअम्बा पंचायत अंतर्गत खरवागढ़ा गट्टीगढ़ा निवासी मोजेश होब्बो की पत्नी फूलमनी तोपनो की प्रसव पीड़ा ने प्रखंड की खोखली विकास की परिभाषा को उजागर कर दिया.
दरअसल प्रसव पीड़ा के असहनीय दर्द से तड़प रही फूलमनी तोपनो को जब अस्पताल लें जाने हेतु सहिया बिनीता बुढ़ ने ममता वाहन से संपर्क किया तो ममता वाहन उपलब्ध नहीं होने की बात कही गई जिसके बाद 108 एम्बुलेंस से संपर्क किया गया जिसपर 2 घंटे बाद एम्बुलेंस उपलब्ध होने की बात कही गई वहीं जब एम्बुलेंस प्रसूता को लेने गया तो जर्ज़र सड़क के कारण प्रसूता के घर से एक किलोमीटर दूर गड्ढे में फंस गया नतीजन प्रसव पीड़ा के दर्द से तड़प रही फूलमनी तोपनो को खाट से एक किलोमीटर दूर एम्बुलेंस तक लाया गया एवं पीड़िता के परिजनों ने जिनमे महिलाएं भी शामिल हैं हाथ में कुदाल एवं लोहे के रॉड (सबल ) लेकर भारी गर्मी के बीच अथक प्रयास कर एम्बुलेंस को गड्ढे से बाहर निकाला तब जाकर महिला को जलडेगा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया गया. जहां महिला ने एक नवजात शिशु को जन्म दिया, जिसके बाद डॉक्टरों ने जच्चा बच्चा दोनो के बेहतर सुविधा के लिए सिमडेगा रेफर कर दिया.
विदित हो की कुछ दिनों पूर्व ही लेटेमदा स्कूल टोली की महिला जवनी बागे को भी प्रसव पीड़ा के कारण खाट से आधा किलोमीटर दूर एम्बुलेंस तक लाया गया था जिससे प्रशासन के विकास के दावों पर प्रश्न खड़े हुए थे वहीं इस दूसरी घटना ने भी तमाम कागजी विकास के दावों को हवा में उड़ा दिया है.
एक और जहाँ 15 वें वित्त एवं मनरेगा की राशि बिना जरुरत वाली जगहों में पीसीसी निर्माण, नाली निर्माण, अच्छे खासे स्कूल के छतों की मरम्मत एवं मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र के रंग रोगन के नाम पर लाखों रूपये का लूट मचा हुआ है. वहीं दूसरी और ऐसी घटना ये हकीकत बयां कर रही है कि पंचायतों में करोड़ों रूपये खर्च करने के बाद भी गावों तक पहुँचने के लिए रोड और पीसीसी तक नहीं हैं जिससे यही लगता है कि प्रशासन एवं गांव कि सरकार के विकास के दावे पूरी तरह खोखले हैं.