न्यूज11 भारत
रांचीः आज विश्व पर्यावरण दिवस है और इस अवरस पर आज पूरे दुनियाभर में प्रकृति की सुरक्षा और पर्यावरण को सुरक्षित रखने की शपथ लोग ले रहे. साल 2022 में दुनियाभर में विश्व पर्यावरण दिवस का मुख्य विषय 'केवल एक पृथ्वी' है. यह विषय हमारे ग्रह को संरक्षित करने और पुनर्स्थापित करने के लिए वैश्विक स्तर पर सामूहिक, परिवर्तनकारी कार्रवाई का आह्वान करता है. मानव जाति ने शुरू से आज तक बिना भविष्य की चिंता किए प्रकृति का दोहन किया और आज परिणाम स्वरूप ग्लोबल वार्मिंग और धरती की लगातार बढ़ती तापमान एक ज्वलंत समस्या बनते जा रहा हैं. पृथ्वी में पलने वाले कई लाख प्रजातियां विलुप्ति होने के कगार पर हैं वैसे तो साल 2020-21 कोरोना संकट के लिए याद रखा जाएगा. लेकिन कोरोना संक्रमण रोकने के लिए भारत सहित विश्व के कई देशों ने लॉकडाउन तकनीक अपनाई. इस दौरान फैक्ट्रियों, और वाहनों के जहरीले धुएं से धरती को राहत मिली और प्रदूषण में कमी होने का असर पूर्ण रूप से पृथ्वी पर भी पड़ा. जिसके बाद सोशल मीडिया पर वायरल होती प्राकृतिक तस्वीरें साफ दिखा, कि मनुष्य के हस्तक्षेप न होने के कारण अनेक जानवर वनों के बाहर भी घूम पा रहे थे. साथ ही साफ आसमान में दुर्लभ चिड़ियाओं की मधुर ध्वनि और स्वच्छ निर्मल नदियों में डॉल्फिन प्रजाति भी देखने को मिली थी. लॉकडाउन के दौरान मनुष्य सुन्दर मनोरम प्राकृतिक नज़रों का भरपूर आनंद ले रहे थे. इससे यह साफ होता है कि साल 2020 ने मानव और प्रकृति के बीच एक टूटी डोर को जोड़ा है. प्रकृति ने हमें ये जताया है कि उसके विनाश के लिए हम ही जिम्मेदार रहे हैं. पृथ्वी को सुरक्षित रखना है तो आज हम सभी को पर्यावरण की सुरक्षा के लिए संकल्प लेने होंगे, तभी आने वाली पीढ़ी स्वच्छ हवा में जीवित रह सकेगी.
पर्यावरण की सुरक्षा के लिए हमें प्रकृति के पास जाकर उसके नियम को अपनाना होगा. पर्यटन के दौरान अक्सर खाने-पीने का सामान और डिस्पोजल प्लेट, ग्लास ले जाते है. इसके इस्तेमाल के बाद उसे वहीं पर फेंक देते हैं. जिससे पर्यावरण प्रदूषित हो जाता है. इसे रोकने के लिए इन सभी चीजों का इस्तेमाल करना बंद होगा. और अगर कर भी रहे हैं तो उसे इस्तेमाल करके कूड़ादान में फेंके. ध्यान दें, प्लास्टिक सबसे अधिक प्रदूषणकारी चीजों में एक है. पॉलिथीन का इस्तेमाल भी हमारे वातावरण के लिए काफी हानिकारक है. इसमें पाया जाने वाला पॉलीयूरीथेन नाम का रसायन नष्ट नहीं किया जा सकता. वही जमीन में पॉलिथीन दबाने से जहरीली गैस बनती है. इसलिए पॉलिथीन का उपयोग भी बंद करें, ताकि हम खुद की सुरक्षा के साथ-साथ पृथ्वी को भी सुरक्षित रख पाएं.