न्यूज11 भारत
रांचीः आज विश्व एड्स दिवस है. इस दिवस को पूरे दुनिया मनाया जा रहा है. यह एक ऐसा लाइलाज बीमारी है. जिसका अबतक कोई उपचार नहीं मिल पाया है. बता दें, हर साल 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस मनाकर लोगों को इस खतरनाक और लाइलाज बीमारी के प्रति लोगों में जागरुकता लाने की कोशिश और एड्स बीमारी के बारे में जानकारी दी जाती है. साथ ही संदेश भी दिया जाता है कि इस बीमारी को निपटारा मिल-जुलकर किया जाए ना कि एड्स मरीजों को समाज से बहिष्कार करके. बता दें, इस बीमारी को लेकर लोगों में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने साल 1988 में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस मनाने की घोषणा की थी.
जानें क्या है एड्स बीमारी
एड्स (AIDS) का पूरा नाम एक्वार्ड इम्यून डेफिशिएंसी सिंड्रोम है. और यह ह्यूमन इम्युनोडेफिशिएंसी वायरस के कारण एक-दूसरे पर फैलता है. इस बीमारी का इलाज विश्वभर के किसी भी देश में अबतक नहीं है. जानकारी के लिए आपको बता दें, ह्यूमन इम्युनोडेफिशिएंसी वायरस शरीर के इम्युनिटी पावर को भी काफी कमजोर कर देता है जिसके कारण संक्रमित व्यक्ति एक के बाद एक अन्य कई बीमारियों का शिकार हो जाता है. डॉक्टर्स के मुताबिक, इस बीमारी के शुरूआती स्टेज में अगर व्यक्ति समय रहते इलाज करवा लें तो इस बीमारी से निपटारा पाया जा सकता है. इसके अलावे अगर इस वायरस से संक्रमित व्यक्ति अपने आखिरी स्टेज पर पहुंच जाती है तो इसका कोई इलाज नहीं है और ना ही आगे कोई इलाज हो सकता है. ऐसे में व्यक्ति को अपनी जान से हाथ धोना पड़ सकता है.
लाइलाज बीमारी एड्स के लक्षण
डॉक्टरों के अनुसार, इस एड्स से संक्रमित होने पर व्यक्ति के शरीर पर कई बदलाव नजर आते है. जिसमें तेज बुखार होना, शरीर में बहुत थकान महसूस करना, पसीने आना, शरीर पर चकत्ते पड़ना, शरीर पर गांठे पड़ना, लगातार खुजली का होना, बार-बार उल्टी-दस्त का होना समेत कई अन्य लक्षण हो सकते है. इसके अलावे किसी व्यक्ति ने असुरक्षित यौन संबंध बनाए है और उसे अपने शरीर पर कुछ इस तरह के लक्षण दिख रहे हैं तो उसे तुरंत एड्स की जांच करवानी चाहिए साथ ही डॉक्टर्स द्वारा दिए गए प्रिस्क्रिप्शन को सख्ती से फॉलो करने की जरूरत है.