न्यूज11, भारत
रांचीः झारखंड में शराब पीनेवालों ने जनवरी 2022 में ह्वीस्की, रम और बीयर कम पी है. राज्य के लोग कंट्री लिकर पीने में अधिक दिलचस्पी ले रहे हैं. ऐसा हम नहीं कर रहे है, बल्कि झारखंड सरकार के उत्पाद और मद्य निषेध विभाग के आंकड़े बता रहे हैं. जानकारी के अनुसार दिसंबर में ह्वीस्की के 2.50 लाख बॉटल लोगों ने पीये. कंट्री लिकर का सेवन 2.27 लाख से अधिक लोगों ने किया. दिसंबर माह में 49943 बॉटल रम औऱ् डेढ़ लाख से अधिक बीयर के बाटल बिके. जनवरी 2022 में अब तक के 15 दिनों में 78 हजार 30 बीयर के बॉटल बेचे गये. ह्वीस्की के 94 हजार बॉटल बिके. रम के 24473 और कंट्री लिकर के 63 हजार से अधिक बॉटल और पाउच बेचे गये. कुल मिला कर कहा जाये, तो अब तक इस माह के जो ट्रेंड हैं, उसमें शराब पीनेवाले लोगों की कमी दिख रही है. ये सभी आंकड़े उत्पाद विभाग ने जारी किये हैं, जो राज्य भर के विभिन्न जिलों में शराब के रीटेलरों को भेजे गये. हालांकि कड़ाके की ठंड में शराब की बक्री बढ़नी चाहिए. पर ऐसा नहीं दिख रहा है. शराब की दुकानें सरकार ने कोरोना एसओपी के तहत 10 बजे तक खुले रहते हैं. पर आम लोगों के लिए रात्रि आठ बजे के बाद नाइट कर्फ्यू लगने का असर दिखने लगा है.
जानकारी के अनुसार राज्य में 43 शराब के आपूर्तिकर्ता हैं, जो विभिन्न ब्रांड के शराब को बॉटलनुमा पैक औऱ् केन में उपलब्ध कराते हैं. ये शराब के ब्रांड 16 सौ से अधिक रीटेलरों के जरिये लोगों तक पहुंचते हैं. दिसंबर माह में 93 हजार से अधिक परमिट शराब के आपूर्तिकर्ताओं को दिये गये, जिसके माध्यम से रीटेलरों तक शराब की खेप पहुंची. यहां यह बताते चलें कि राज्य में राजस्व संग्रहण का एक बड़ा विभाग उत्पाद विभाग रहा है. ऐसे में शराब की बक्री से सरकार को 500 करोड़ से अधिक का राजस्व मिलता है.
हाल ही में सरकार के उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने छत्तीसगढ़ का दौरा किया था. इसमें उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के सचिव, सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के निदेशक समेत छह लोगों की टीम ने छत्तीसगढ़ का दौरा कर, वहां की उत्पाद नीति का अध्य्यन किया. समिति ने लौटने के बाद अपनी रिपोर्ट मुख्य सचिव सुखदेव सिंह को सौंप दी है.