बिरसा मुंडा जयंती और राज्य गठन दिवस की पूर्व संध्या पर भाकपा माले–मासस का राज भवन पर जन कन्वेंशन आयोजित
रांची: बारिश के बीच महानायक बिरसा मुंडा की जयंती और झारखंड राज्य गठन दिवस की पूर्व संध्या पर आज राजभवन के समक्ष भाकपा (माले) और मासस ‘ जन कन्वेंशन’ का आयोजित किया गया. माले राष्ट्रीय महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने वर्तमान समय निर्णायक संघर्षों का है. एक ओर लम्बी लड़ाई और शहादतों से हासिल झारखंड राज्य गठन के 21 साल पूरे हो रहें हैं. लेकिन अलग राज्य गठन के सपने अभी भी अधूरे पड़े हैं. दूसरी ओर, अकूत शहादतों और संघर्षों से हासिल देश की आजादी के 75 वर्ष पुरे होने पर ‘अमृत महोत्सव’ मनाने का नाटक किया जा रहा है. भाजपा ने आज ऐसी स्थति पैदा कर दी है कि इसे भीख में मिली आज़ादी और 2014 में भाजपा शासन आने को ‘असली आजादी’ कहकर स्वतन्त्रता संग्राम के तमाम शहीदों और उसके आदर्श नायकों को अपमानित- लांछित किया जा रहा है.
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कंपनी राज के खिलाफ लड़नेवाले बिरसा मुंडा की जयंती को ‘जन जातीय गौरव दिवस’ मनाने का दिखावा करने वाली भाजपा आदिवासियत की पहचान से भी इनकार कर रही है. बिरसा के वारिस आदिवासियों के जल जंगल ज़मीन और खनिज को फिर से अदानी-अम्बानी कंपनियों के हवाले कर किया जा रहा है. विरोध करनेवाले आदिवासियों को जेलों में डाल दिया गया है. आदिवासियों के सवालों और उनकी रिहाई की आवाज़ उठाने वाले फादर स्टैन स्वामी को फर्जी मुकदमों में फंसकर जेल में ही मार डाला गया. ऐसे में माले व मासस जैसी लड़ाकू वामपंथी ताक़तों से साथ एकजुट होकर एके राय-गुरुदास चटर्जी और महेंद्र सिंह के रस्ते पर चलाकर आज के कंपनीराज के खिलाफ निर्णायक संघर्ष करना होगा.
जनअकांक्षाओं पर खरा उतरे हेमंत सरकार: विनोद सिंह
माले विधायक विनोद सिंह ने कहा कि ये कैसी विडंबना है कि जिस भाजपा शासन में आदिवासियों के जल जंगल ज़मीन और अधिकारों पर सबसे अधिक दमन अत्याचार हुए हैं. आज जनजातीय गौरव का नारा दे रहें हैं. आज केंद्र सरकार तो झारखंड जैसे गैर भाजपा राज्यों के भी अधिकार सीमित कर रही है . झारखंड की जनता ने जेएम्एम् को मौक़ा देकर हेमंत सरकार को शासन में बिठाया है तो उसे भी जल्द से जल्द यहां प्रदेश की जन आकांक्षाओं पर खरा उतरते हुए यहां के नौजवानों व जनता की सभी मांगों को पूरा करना होगा.
विकास के नाम पर लूट का चारागाह बना दिया गया : अरूप चटर्जी
मासस के कार्यकारी अध्यक्ष व पूर्व विधायक अरूप चटर्जी ने कहा कि राज्य गठन के 21 बरस बीत जाने के बाद भी जो उत्थान होना था, प्रश्न चिन्ह लगा हुआ है. उलटे विकास के नाम पर इसे कॉर्पोरेट लूट का चारागाह बना दिया गया. तमाम विभागों में अनगिनत पद खाली होने के बावजूद उनपर नियुक्तियां नहीं हो पा रही हैं. ऐसे में ज़रूरी है कि लाल झंडे की अगुवाई में लड़ाई तेज किया जाए. आन्दोलनकारी दयामनी बारला ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार जो बिरसा मुंडा जयंती को ‘जनजातीय गौरव दिवस’ मनाने का नाटक कर रही है दरअसल ‘स्वामित्व योजना’ की आड़ में ड्रोन से सर्वे कराकर आदिवासियों की जमीन छिनने के लिए गलत नक़्शे बना रही है. कार्यक्रम की अध्यक्षता हलधर महतो एवं संचालन माले राज्य सचिव ने किया.