रांची: धनबाद के जज उत्तम आनंद की मौत के मामले की अब तक की जांच पर हाईकोर्ट ने नाराजगी जतायी और 23 सितंबर को सीबीआई के जोनल निदेशक को 23 सितंबर को अदालत में हाजिर होने का निर्देश दिया है. चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत ने गुरुवार को मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि सीबीआई हर सप्ताह प्रगति रिपोर्ट दे रही है, लेकिन उसमें कुछ भी नया नहीं है. हर बार स्टीरियोटाइप रिपोर्ट दायर कर रही है यह संतोषजनक नहीं है. जुडिशल ऑफिसर की हत्या हुई है हमें रिजल्ट चाहिए.
अदालत ने कहा कि परिस्थितयां बयां कर रही है कि दिनदहाड़े एक न्यायिक अधिकारी की हत्या की गयी है. कोर्ट यह स्पष्ट कर रही है कि हमें रिजल्ट चाहिए, सिर्फ रिपोर्ट से काम नहीं चलेगा. सीबीआई अभी भी सिर्फ दो लोगों से आगे नहीं बढ़ सकी है. ऑटो चालक ने धक्का मार कर जज की हत्या क्यों की यह मिस्ट्री अभी तक हल क्यों नहीं हो सकी है. अदालत ने कहा कि यह पहला मामला है जिसमें ऑटो को हत्या के लिए हथियार के रूप में प्रयोग किया गया है, ताकि जांच एजेंसियां उलझ जाएं. सीसीटीवी फुटेज देखने से यह स्पष्ट होता है कि ऑटो वाले ने जानबूझकर जज को धक्का मारा है.
अदालत ने कहा कि कि उन्हें सीबीआई जांच पर भरोसा है. उसके प्रोफेशनल तरीके के जांच पर किसी प्रकार का सवाल नहीं उठा रहे हैं. लेकिन अभी तक इस मामले में कोई अहम जानकारी नहीं मिल पाई है कि आखिर जज की हत्या के पीछे मोटिव क्या है और षड्यंत्र किसने किया है. अदालत ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर ही हाई कोर्ट इस मामले के हर सप्ताह समीक्षा कर रही है, लेकिन अभी तक सीबीआई इस मामले से जुड़े कोई अहम जानकारी नहीं दे पाई है.