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रांचीः कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य के बुटेम्बो में मंगलवार को हुए हिंसक सशस्त्र विरोध प्रदर्शन के दौरान संयुक्त राष्ट्र शांति रक्षा दल के सीमा सुरक्षा बल (BSF) के दो जवान शहीद हो गए. जवानों के शहीद होने की खबर पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने घटना पर दुख व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि इन हमलों के दोषियों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए और उन्हें न्याय के कटघरे में खड़ा किया जाना चाहिए. ट्वीट करके विदेश मंत्री ने कहा कि कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में बीएसएफ के दो बहादुर भारतीय शांति सैनिकों के शहीद होने पर उन्हें गहरा दुख हुआ है. वे संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन का हिस्सा थे, जिसे मोनुस्को के नाम से जाना जाता है.
जानकारी के अनुसार, बीएसएफ के यह दोनों जवान राजस्थान के रहने वाले थे और दोनों ही हेडकॉन्स्टेबल के पद पर तैनात थे. इन दोनों की पहचान हेडकांस्टेबल शिशुपाल सिंह और हेडकांस्टेबल सांवला राम बिश्नोई के रूप में की गई है. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने दोनों सैनिकों की शहादत पर दुख जताते हुए शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की. दोनों सैनिक कांगो में संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन का हिस्सा थे.
अंतर्राष्ट्रीय मीडिया के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र मिशन के खिलाफ कांगो के पूर्वी शहर गोमा में हुए प्रदर्शन के दूसरे दिन पांच लोग मारे गए थे वहीं 50 अन्य लोग घायल हो गए थे. कांगो के बुटेम्बो में मंगलवार को हुए हिंसक सशस्त्र विरोध प्रदर्शन के बारे में जानकारी देते हुए बीएसएफ के एक प्रवक्ता ने कहा कि 26 जुलाई (मंगलवार) को बीएसएफ के दो जवानों ने हिंसक सशस्त्र विरोध के दौरान घायल होने के बाद दम तोड़ दिया. अधिकारियों ने कहा कि 70 से 74 बीएसएफ जवानों की दो पलटन इलाके में तैनात थी.
जवानों की हत्या की संयुक्त राष्ट्र ने की निंदा
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस के उप प्रवक्ता फरहान हक ने मंगलवार को कहा कि कांगो में संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन के खिलाफ हिंसा बढ़ती जा रही है. उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से एक शांति सैनिक और दो संयुक्त राष्ट्र पुलिस के जवान मारे गए और एक अन्य घायल हो गया. हम अपने सहयोगियों की हत्या की निंदा करते हैं और उनके परिवारों और सहयोगियों के प्रति गहरी सहानुभूति व्यक्त करते हैं. उन्होंने बताया कि हिंसक हमलावरों ने कांगो के पुलिसकर्मियों से हथियार छीने और संयुक्त राष्ट्र कर्मियों पर गोलियां चला दीं.